विवादित फिल्म 'पद्मावती' का शीर्षक बदलकर 'पद्मावत' किए जाने और कई बदलाव किए जाने के बावजूद करणी सेना ने शुक्रवार को फिल्म पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की मांग की है। वहीं दूसरी तरफ 27 जनवरी को चित्तौड़गढ़ में लोगों से एकत्रित होने का आह्वान किया है।
जानकारी के मुताबिक, इस दिन राजपूत समाज के सभी सदस्य बताएंगे कि रानी पद्मावती का बलिदान व्यर्थ नहीं गया। वहीं फिल्म पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।
करणी सेना के पर्यवेक्षक लोकेंद्र सिंह कलवी ने कहा कि फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली को फिल्म की रिलीज के बारे में भूल जाना चाहिए।
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उन्होंने कहा, 'भंसाली और सीबीएफसी (फिल्म प्रमाणन के केंद्रीय बोर्ड) के सभी प्रयास व्यर्थ जाएंगे, क्योंकि हम भारत या विदेश में कहीं भी 'पद्मावती' दिखाने की अनुमति नहीं देंगे।'
लोकेंद्र ने कहा, 'हम अब भी अपनी मांग पर अटल हैं। 'पद्मावती' की रिलीज पूरी तरह प्रतिबंधित है।'
कलवी ने 'घूमर' गीत को पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। उन्होंने कहा, 'हम उस गीत में कोई बदलाव नहीं चाहते। बल्कि, उस पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की मांग करते हैं।'
लोकेंद्र ने सीबीएफसी द्वारा बनाई गई पैनल की 'प्रामाणिकता' पर भी सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि पैनल के सभी सदस्य इतिहासकार नहीं है, इसलिए उनके सुझाव से शायद ही कोई फर्क पड़े।
गौरतलब है कि संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' पहले 1 दिसंबर 2017 को रिलीज होने वाली थी, लेकिन विवाद बढ़ता देख इसकी रिलीज टाल दी गई। आरोप है कि इस फिल्म में इतिहास से छेड़छाड़ की गई है।
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Source : IANS