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कॉमेडी से हटकर कुछ अलग करना चाहते थे कार्तिक आर्यन, फिर मिला 'चंदू चैंपियन' का ऑफर

Kartik Aaryan: सुमित अरोड़ा ने चंदू चैंपियन पर अभिनेता कार्तिक आर्यन और निर्देशक कबीर खान के साथ काम करने के अपने एक्सपीरियंस को शेयर किया, जिसमें उन्होंने स्क्रीनप्ले राइटर के तौर पर काम किया. 

Updated on: 28 Jun 2024, 11:32 AM

नई दिल्ली:

कबीर खान की फिल्म चंदू चैंपियन भारत के पहले पैरालिंपियन के जीवन पर आधारित कहानी है, फिल्म का स्क्रीन प्ले सुमित अरोड़ा ने लिखा है. इस फिल्म में कार्तिक आर्यन मुरलीकांत पेटकर की रोल में हैं, जो एक यंग पहलवान से सेना के मुक्केबाज बनने तक के उनके संघर्ष को दिखाता है. साल 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में कमर से नीचे लकवाग्रस्त पेटकर ने बाद में तैराकी में महारत हासिल की और 1972 में भारत के लिए पहला पैरालिंपिक गोल्ड मेडल जीता.

चंदू चैंपियन के स्क्रिन प्ले राइटर ने की बात

इस महीने की शुरुआत में सिनेमाघरों में फिल्म रिलीज़ हुई और इसे लोगों ने खूब पंसद किया. सुमित अरोड़ा ने फिल्म में कार्तिक आर्यन के साथ काम करने के अपने अनुभव को साझा किया, उन्होंने कहा कि अभिनेता कॉमेडी से हटकर कुछ नया करने के लिए उत्सुक थे. एक इंटरव्यू में अरोड़ा ने कहा, उनके साथ काम करना एक कमाल का एक्सपीरियंस था. उन्होंने कभी इस तरह की रोल नहीं किया था. लोग उन्हें किसी ऐसे व्यक्ति से जोड़ते हैं जो कॉमेडी करता है, लेकिन उन्होंने एक अनजान क्षेत्र में कदम रखा.

इस रोल के लिए भूखे थे कार्तिक आर्यन 

सुमित अरोड़ा ने आगे कहा, मुझे लगता है कि वह वास्तव में इस रोल के लिए भूखे थे. एक्टर कुछ अलग करना चाहते थे. उन्होंने खुद को संदेह से परे साबित किया है और फिल्म के माध्यम से अपने लाइफ का बेस्ट परफॉर्मेंस दिया है. सुमित अरोड़ा ने बायोपिक के लिए राइटिंग की चुनौतियों पर चर्चा करते हुए बताया कि काल्पनिक पात्रों के विपरीत जहां लेखक और निर्देशक सीमाएं तय होती है. उन्होंने चंदू चैंपियन में आने वाली परेशानियां के बारे में बताया, जो कपिल देव की तुलना में जनता में कम फेमस है.

फिल्म 83 के दौरान चंदू चैंपियन का ऑफर

आखिरकार उन्होंने मुझे फ़ोन किया और बताया कि वे 83 बना रहे हैं और उन्होंने मुझे डायलॉग पर काम करने के लिए कहा. मैं बहुत खुश था क्योंकि मैं हमेशा से क्रिकेट का बहुत बड़ा फैन रहा हूं. फिर 83 बनी और हमने साथ काम किया. फिर हम सोच रहे थे कि आगे क्या करना है, और उन्होंने मुझे मुरलीकांत पेटकर की कहानी सुनाई. जिसे सुनने के बाद मैं दंग रह गया.