मलयालम मैगज़ीन गृहलक्ष्मी में स्वर पेज पर छपी तस्वीर को को लेकर विवाद हुआ था। कवर पेज पर एक मॉडल नवजाद बच्चे को ब्रेस्टफीड करवाते हुए नज़र आई थी।
इस तस्वीर को लेकर केरल के कोल्लम में मुकदमा दर्ज हुआ था। केरल हाई कोर्ट ने मैगजीन के खिलाफ कार्रवाई की मांग वाली याचिका को ख़ारिज कर दिया है।
हाई कोर्ट ने कहा, किसी एक आदमी की अश्लीलता, दूसरों की नजरों में कालात्मक हो सकती है।
न्यायमूर्ति एंटनी डोमिनिक और न्यायमूर्ति दामा शेषाद्रि नायडू की पीठ ने इस केस की सुनवाई की। पीठ ने अपने आदेश में कहा, 'हमें तस्वीर में कुछ भी अश्लील नहीं लग रहा है, हम तस्वीर को उन्हीं नजरों से देख रहे हैं जिन नजरों से हम राजा रवि वर्मा जैसे कलाकारों की पेंटिंग्स को देखते हैं। जिस तरह देखने वाले की आंखों में सुंदरता होती है उसी तरह अश्लीलता भी देखने वाली की नज़रों में होती है।'
इस मामले पर फेलिक्स एम . ए .ने याचिका दायर की थी। उन्होंने कहा था कि मैगज़ीन का कवर पेज यौन अपराध से बच्चों की सुरक्षा कानून की धाराएं 3 (C) और 5 (J), तीन का उल्लंघन करता है।
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मार्च में मैगजीन पर छपी तस्वीर के बाद विवाद खड़ा हो गया था। कवर पेज पर 27 साल की मॉडल गिलू जोसफ नवजात बच्चे को ब्रेस्टफीड करवाते हुए नज़र आई थी। गिलू मॉडल होने के साथ मलयालम फिल्मों में गीतकार भी है।
केरल की रहने वालीं गिलू की दो बहनें है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब मैगजीन कवर सामने आयी थी तब उनके घरवाले भी इस फोटोशूट के खिलाफ थे।
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Source : News Nation Bureau