साल 1993 में एक फिल्म रिलीज हुई थी नाम था ‘खलनायक’ (Khal Nayak). फिल्म भले ही 90 के दशक की हो, लेकिन आज भी खूब पसंद की जाती है. फिल्म का हर डॉयलॉग, हर गाना काफी फेमस हुआ. इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा दिया था. ये फिल्म संजय दत्त (Sanjay Dutt) के जीवन की सबसे बड़ी फिल्म मानी जाती है. इस फिल्म से ना सिर्फ संजू बाबा का करियर चमका, बल्कि माधुरी दीक्षित के भी डगमगाते करियर को सहारा मिला. खलनायक का सबसे चर्चित गाना चोली के पीछे भले ही काफी विवादों में रहा हो, लेकिन इसके बाद भी इस गाने को खूब पसंद किया गया. और सुपरहिट साबित हुई थी.
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1993 ऐसा साल था जिसमें 3 फिल्में रिलीज हुई थीं, 'खलनायक', 'बाजीगर' और 'डर'. इन तीनों फिल्मों की खास बात ये थी कि इनमें हीरो ने विलेन का किरदार किया था. और तीनों फिल्मों सुपरहिट साबित हुई थीं. बाजीगर और डर ने शाहरुख को फिल्म इंडस्ट्री का बादशाह बनाया तो खलनायक ने संजय दत्त के करियर को सातवें आसमान पर पहुंचा दिया था. हम यहां आपको खलनायक के बारे में बताने जा रहे हैं. फिल्म बाजीगर और डर के बारे में किसी और दिन बताएंगे.
कहते हैं कि जब खलनायक के लिए स्टार कास्ट का चयन किया जा रहा था, तब आमिर खान ने बाकायदा सुभाष घई से मुलाकात करके फिल्म में काम करने की इच्छा जताई थी. क्योंकि इससे पहले आमिर खान डर मूवी का ऑफर ठुकरा चुके थे जिसके बाद वो किरदार शाहरुख को मिला था और वो फिल्म सुपरहिट भी साबित हुई थी. इसी के कारण आमिर खलनायक में विलेन का किरदार करना चाहते थे. लेकिन तब सुभाष घई ने उनको साफ मना कर दिया था क्योंकि सुभाष घई इस फिल्म को जैकी श्रॉफ और नाना पाटेकर को लेकर बनाना चाहते थे.
जी हां, फिल्म ‘खलनायक’ पहले जैकी और नाना के साथ ही बन रही थी. थोड़ा और पीछे जाएं तो पता चलता है कि फिल्म ‘खलनायक’ दरअसल सुभाष घई की फिल्म ‘देवा’ का सीक्वल था. देवा को सुभाष घई, अमिताभ बच्चन के साथ बनाने वाले थे. फिल्म का बंबई में शानदार मुहूर्त भी हुआ लेकिन फिल्म इससे आगे बढ़ नहीं सकी. लेकिन सुभाष घई इस कहानी को हर कीमत पर पर्दे पर दिखाना चाहते थे.
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नाना पाटेकर जब तक फिल्म में थे, बल्लू का किरदार एक अधेड़ आदमी का ही रहा, लेकिन जैसे जैसे राम केलकर के साथ सुभाई घई फिल्म की पटकथा पर आगे बढ़ते गए ये किरदार एक गुमराह नौजवान का हो गया. घई ने इसका जिक्र नाना से किया तो उन्होंने स्क्रिप्ट के हिसाब से नया हीरो चुन लेने की छूट उन्हें दे तो दी लेकिन कभी इस हरकत के लिए सुभाष घई को माफ नहीं किया. नाना पाटेकर ने जब फिल्म से इंकार कर दिया तो सुभाष घई ने संजय दत्त से संपर्क किया.
आपको बता दें कि संजय दत्त का रोल अनिल कपूर भी करना चाहते थे. और उस वक्त जैकी और अनिल की जोड़ी जमती भी खूब थी. दोनों की फिल्म की राम-लखन सुपरहिट हो चुकी थी. जैकी श्रॉफ भी अनिल कपूर के अच्छे दोस्त थे, तो उन्होंने भी अपनी साइड से अनिल की बात चलाई, लेकिन तब तक सुभाष घई संजय दत्त को साइन कर चुके थे. संजय दत्त का फिल्म ‘खलनायक’ का हिस्सा होना ही सुभाष घई के लिए कास्टिंग के मामले में बड़ी जीत थी.
ये वह वक्त था जब संजय दत्त बहुत तनाव भरे जीवन से गुजर रहे थे. संजय दत्त पर कई गंभीर आरोप लगे हुए थे. वे पुलिस केस में बुरी तरह से उलझे हुए थे. पिता सुनील दत्त दिन भर सांप्रादायिक सौहार्द बनाने में लगे रहते और संजय दत्त का तनाव बढ़ता जा रहा था. इसलिए लोगों को लगा कि शायद ये कहानी संजय दत्त की असली जिंदगी से प्रेरित है.
वहीं माधुरी दीक्षित लगातार फ्लॉप हो रही फिल्मों के बाद उनकी झोली में जब फिल्म खलनायक’ आई तो उन्होने बिना सोचे समझे ही इसे साइन कर लिया. कहते हैं कि उस दौरान माधुरी को एक बार से पर्दे पर हिट होने की बेहद जरूरत थी इसके चलते उन्होंने ‘चोली के पीछे..’ जैसा गाने पर फिल्माने पर भी कोई ऐतराज नहीं जताया, और बाद में यही फिल्म माधुरी की किस्मत को चमकाने वाली साबित हुई.
‘खलनायक’ फिल्म के हिट होने में ना केवल गाना ही रहा बल्कि इसका डांस भी लोगों को बेहद पसंद आया था. लोग फिल्म देखने के दौरान पर्दे के सामने ही झूम उठते थे. माधुरी दीक्षित पर फिल्माए गए गाने ने सिल्वर स्क्रीन पर तहलका मचा दिया. ‘चोली के पीछे..’ गाने को लेकर जितनी आलोचना हुई उतनी ही हिट होकर लोगों के दिलों में राज करने लगी.
HIGHLIGHTS
- संजय दत्त के करियर को खलनायक से मिली नई उड़ान
- खलनायक में पहले नाना पाटेकर को साइन किया गया था
- खलनायक से माधुरी दीक्षित के करियर को भी सहारा मिला