बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता दिलीप कुमार (Dilip Kumar) का लंबी बीमारी के बाद बुधवार सुबह 7.30 बजे निधन हो गया है. 98 साल की उम्र में दिलीप कुमार ने आखिरी सांस ली. दिलीप कुमार के निधन के बाद बॉलीवुड से लेकर पूरे देश में शोक की लहर है. देश के बड़े बड़े राजनैतिक नेता और तमाम बड़ी हस्तियां उन्हें नमन कर रही हैं. फिल्मी दुनिया में बहुत कम ही ऐसे लोग आए हैं, जिन्हें सदियों तक लोगों के दिलों पर राज किया हो. दिलीप कुमार भी इन्हीं में से एक थे, जो ना सिर्फ फिल्मी पर्दे पर, बल्कि असल जिंदगी में भी लोगों के हीरो बने. दिलीप कुमार हिंदी सिनेमाजगत के बेहतरीन अभिनेताओं में शुमार थे. वह बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार थे. दिलीप कुमार को बॉलीवुड में 'ट्रेजडी किंग' (Tragedy King) के नाम जाना जाता था. मगर क्या आप जानते हैं उन्हें ये नाम कैसे मिला और कैसे उनकी जिंदगी में बदलाव आया. चलिए हम आपको इस बारे में बताते हैं.
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ऐसे बदली दिलीप कुमार की किस्मत
दिलीप कुमार का असली नाम मोहम्मद युसुफ खान था. दिलीप कुमार तंगहाली और संघर्ष भरे जीवन से गुजर कर आगे आए थे. संघर्ष के दिनों में वह पुणे की एक कैंटीन में काम करते थे. इसके बाद एक पारसी कैफे ओनर और वृद्ध एंग्लो इंडियन कपल की मदद से उन्हें आगे की शुरुआत मिली और फिर दिलीप कुमार ने यहां अपना सैंडविच स्टॉल खड़ा किया था. बाद में दिलीप कुमार मुंबई में अपने घर वापस लौटे थे. साल 1943 में पिता की घर में मदद करने के लिए दिलीप कुमार काम की तलाश करते हुए बॉम्बे टॉकीज पहुंचे. उस समय बॉम्बे टॉकीज की मालकिन रहीं एक्ट्रेस देविका रानी की नजर उन पर पड़ी. देविका ने ही दिलीप युसुफ खान को दिलीप कुमार नाम दिया. यहां से आगे उनकी पूरी जिंदगी बदल गई.
जबरदस्त अभिनय ने दिलाई बॉलीवुड में अलग पहचान
दिलीप कुमार की बॉलीवुड में पहली फिल्म 'ज्वार भाटा' 1944 में आई थी. इसके बाद 1949 में उनकी दूसरी फिल्म 'अंदाज' आई, जिसने उन्हें रातों-रात लोकप्रिय बना दिया. फिल्म 'अंदाज' से दिलीप साहब को पहचान मिली. इस फिल्म में दिलीप कुमार के साथ राज कपूर थे. इन पहली दो फिल्मों में दिलीप कुमार ने ऐसे नायकों की भूमिका निभाई, जिसके जीवन में दुख है और जो अपने जीवन के संघर्षों से लड़ रहा है. इसके बाद 1951 में उनकी फिल्म 'दीदार' और फिर 1955 में 'देवदास' फिल्म आई. ये फिल्में उनके करियर की हिट फिल्मों में शामिल रहीं, जिनमें जबरदस्त अभिनय से उन्होंने बॉलीवुड में अपनी अलग पहचान बनाई.
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ऐसे मिला 'ट्रेजडी किंग' नाम
'दीदार' (1951) और 'देवदास' (1955) जैसी फिल्मों में दुखद भूमिकाओं के मशहूर होने की वजह से दिलीप कुमार को 'ट्रेजडी किंग' कहा गया. ऐसे माना जाने लगा कि दिलीप कुमार ट्रेजडी रोल बहुत बेहतरीन तरीके से निभाते हैं. इस तरह के किरदारों में उनका ढल जाना और पूरी सच्चाई से उस किरदार को निभाना दिलीप कुमार की ताकत बन गया. अपनी भूमिकाओं में वह इस कदर मशहूर हो गए कि उन्हें 'ट्रेजडी किंग' के नाम से जाना जाने लगा. अपने पांच दशक लंबे करियर में दिलीप कुमार ने 'मुगल-ए-आजम', 'नया दौर' तथा 'राम और श्याम' जैसी अनेक हिट फिल्में दीं. वह आखिरी बार 1998 में आई फिल्म 'किला' में नजर आए थे.
HIGHLIGHTS
- लंबी बीमारी के बाद दिलीप कुमार का निधन
- बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार थे दिलीप कुमार
- बॉलीवुड से लेकर पूरे देश में शोक की लहर