संगीत जगत के सबसे बड़े फनकार मोहम्मद रफी साहब की आज पुण्य तिथि है. इस मौके पर हम जानेंगे उनकी जिंदगी से जुड़े कुछ ऐसे पल जो हमें रफी साहब के शुरुआती दिनों की याद दिलाते हैं. मोहम्मद रफी का जन्म 24 दिसंबर,1924 को अमृतसर के कोटला सुल्तान सिंह गांव में हुआ था. बचपन में रफी साहब फकीरों की नकल करते थें, और उनकी तरह गाना गाते थे. धीरे-धीरे उनकी गायकी में सुधार होते चला गया और वह एक अच्छे गायक की तरह उभरने लगे. नौ साल की उम्र में वह नाई की दुकान चलाया करते थे और लोगों के बाल काटते थे. एक दिन की बात है, जब पंडित जीवनलाल उनकी दुकान में बाल कटवाने गए और उन्होंने रफ़ी साहब को गुनगुनाते हुए सुना.
पंडित जीवनलाल ने रेडियो का ऑफर दिया
उस समय पंडित जीवनलाल ने रफी साहब को रेडियो पर गाना गाने का ऑफर दिया. इस दौरान पंडित जीवनलाल ने रफी साहब की तारीफ की और उन्हें गायक के रूप में अपने करियर में आगे बढ़ने के लिए कहा. ये कह कर पंडित जीवनलाल वहा से चले गए. रफ़ी साहब अपने गायन करियर में आगे बढ़ने के लिए काम करने लगे. पंडित जीवनलाल ने उन्हें ट्रेनिग दिया. इसके बाद रफी साहब को रेडियो चैनल के ऑडीशन के लिए बुलाया गया. इस ऑडीशन को रफी साहब ने बहुत ही आसानी से पार कर लिया. इसके बाद शुरू हुआ रफी साहब का रेडियो पर गाने का सफर.
मोहम्मद रफी साहब को ऑफर हुआ पहला गाना
साल 1937 में रफी साहब एक शो के दौरान लाइट चली गई, तब उस समय के फेमस सिंगर कुंदनलाल सहगल ने शो में गाना गाने से इंकार कर दिया. यही वह समय था जब रफ़ी साहब की किस्मत पलटी और वह मंच पर गाने लगे, इस समय वह केवल 13 साल के थे. इस पूरे कार्यक्रम में दशर्को के बीच बैठे केएल सहगल ने भी रफी साहब को सूना और उन्हें 100 रुपये का टिकट भेजकर रफी को मुबंई बुलाने का ऑफर दिया. कुछ दिन बाद ही मोहम्मद रफी साहब मुंबई पहुंचे उस समय ये मुंबई बाम्बे हुआ करता था. मोहम्मद रफी साहब को पहला गाना का ऑफर 'हिंदुस्तान के हम हैं, हिंदुस्तान हमारा हैं' में गाना रिकॉर्ड किया. फिर धीरे-धीरे जैसे-जैसे उन्हें ऑफर मिलते गए, वह और मशहूर होते गए, और फिल्म संगीत की दुनिया के महानतम नामों में से एक बन गए.
मोहम्मद रफी की आज 43वीं पुण्य तिथि
आज मोहम्मद रफी की आज 43वीं पुण्य तिथि है. पंजाब में जन्मे मोहम्मद रफी साहब ने उस्ताद अब्दुल वाहिद खान, पंडित जीवन लाल मट्टू और फिरोज निज़ामी से शास्त्रीय संगीत सीखा था. कुछ समय तक ऑल इंडिया रेडियो के लिए गाने के बाद, उन्होंने हिंदी फिल्म में अपनी शुरुआत की. उनके साथ मंच शेयर करने वाले हर गायक ने खुद को भाग्यशाली बताया है. ऐसे में यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि मोहम्मद रफी के साथ गाने से पहले अमिताभ बच्चन की रातों की नींद उड़ गई थी. एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमिताभ और रफी को 'नसीब' के एक गाने के लिए एक साथ गाना था. रिकॉर्डिंग से एक दिन पहले, संगीत निर्देशक ने बिग बी को समय पर आने के लिए कहा क्योंकि महान गायक रफी साहब हमेशा से समय के पाबंद थे.
अमिताभ बच्चन को रफी साहब के साथ गाने का मौका मिला
इसके बाद बच्चन साहब , मोहम्मद रफ़ी के साथ ही स्टूडियो पहुंचे और अपने 'एंग्री यंग मैन' अवतार के विपरीत, उनकी आंखें लाल थीं और वे घबराए हुए थे. जब उनसे इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने गायक को बताया कि वह दस साल की उम्र से उनके गाने सुन रहे हैं. रिपोर्ट में उनके हवाले से लिखा है, ''आज जब मुझे आपके साथ गाने का मौका मिला है तो मैं पूरी रात सो नहीं पाया हूं''
Source : News Nation Bureau