कवि और गीतकार गुलज़ार और अभिनेत्री राखी गुलज़ार की बेटी, लेखक-निर्देशक मेघना गुलज़ार ने कई सफल फिल्में बनाई हैं, जो सामाजिक मुद्दों पर आधारित हैं. उन्होंने अपना करियर एक लेखिका के रूप में शुरू किया, फिर एसिटेंट डायरेक्टर के रूप में काम किया. लास्ट में अपनी खुद की फीचर फिल्में बनाना शुरू कर दिया. उनके जन्मदिन के मौके पर हम उनके द्वारा निर्देशित पांच बेहतरीन फिल्मों पर एक नजर डालते हैं. मेघना गुलजार की डायरेक्टोरियल डेब्यू फिल्म फिल्हाल है, जिससे मेघना ने अपने करियर की शुरुआत की है.
फ़िलहाल
मेघना गुलज़ार की निर्देशित पहली फिल्म फ़िलहाल में रीवा और सिया सबसे अच्छी दोस्त होती हैं. जो संजय सूरी और साहिल से खुशी-खुशी शादी कर लेती हैं. जब रीवा अपने बच्चे को जन्म नहीं दे पाती है, तो सिया उसकी मदद के लिए सरोगेट मां बनने के लिए तैयार हो जाती है. फिल्म सरोगेसी से जुड़ी परस्पर विरोधी भावनाओं की पड़ताल करती है.
दस कहानियां
दस कहानियां मेघना गुलज़ार की निर्देशन में बनी माला नाम की एक महिला कहानी है, जो एक प्रेमहीन विवाह में है, अपने गुप्त प्रेमी के साथ फिर से जुड़ने का फैसला करती है जबकि उसकी बेटी मिनी की शादी होने वाली है.
तलवार
साल 2008 के आरुषि तलवार दोहरे हत्याकांड पर आधारित, तलवार वास्तविक अपराध को की कहानी है, जहां नीरज काबी और कोंकणा सेन शर्मा या तो दोषी या निर्दोष दिखाई देते हैं. दिवंगत इरफान खान ने एक जांच एजेंसी के संयुक्त निदेशक अश्विन कुमार की भूमिका निभाई है.
राज़ी
राज़ी हरिंदर सिक्का के उपन्यास कॉलिंग सहमत पर आधारित है, जिसमें 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध से पहले एक गुप्त ऑपरेशन के बारे में काल्पनिक सच्ची कहानियां है. यह फिल्म इंडियन रिसर्च एंड एनालिसिस विंग के लिए एक जासूस सहमत खान (आलिया भट्ट) के बारे में है. जो पड़ोसी देश की योजनाओं के बारे में जानने के लिए इकबाल सैयद पाकिस्तानी सेना अधिकारी से शादी करती है. यह मेघना की पहली फिल्म थी जिसने बॉक्स ऑफिस पर 100 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार किया.
Source : News Nation Bureau