सुरों की कोकिला लता मंगेशकर म्यूजिक की दुनिया का एक पूजनीय नाम हैं. लता मंगेशकर ने जब भी कोई गाना गाया अपनी आवाज से जादू चलाया. उनकी आवाज में न जाने कैसी कशिश थी, जो सुनने वाला सुनता रह जाता था. पिछले कई सालों से वो म्यूजिक इंडस्ट्री पर राज कर रही थीं. पर आज भी उनसे जुड़ी कई बातें हैं, जो लोगों को पता नहीं है. जैसे कि उनके नाम की हकीकत ही ले लीजिये. ऐसे में आज हम आपको स्वर कोकिला Lata Mangeshkar के बारे में वो बात बताने जा रहे हैं जो आजतक सबसे छिपी हुई थी. आज हम आपको लता मंगेशकर का असली नाम बताने जा रहे हैं साथ ये भी बताएंगी कि आखिर उन्होंने अपना नाम क्यों बदला.
यह भी पढ़ें: बॉलीवुड की इन मां-बेटी की जोड़ियों की आवाज बनी थीं लता मंगेशकर
लता मंगेशकर के लाखों-करोड़ों चाहने वाले हैं. पर आप में से बहुत कम लोग ऐसे होंगे, जिन्हें उनके नाम से जुड़ी असली कहानी पता होगी. असल में गायिका के नाम का किस्सा भी उनकी तरह दिलचस्प था. लता का असली नाम कुमारी लता दीनानाथ मंगेशकर था. लता का असली नाम कुमारी लता दीनानाथ मंगेशकर था. लता मंगेशकर के पिता का नाम पंडित दीनानाथ मंगेशकर था. उनके पिता मराठी थियेटर के मशहूर एक्टर और नाट्य संगीत म्युजिशियन थे.
इसलिये संगीत की कला उन्हें विरासत में मिली थी. कहते हैं कि लता जी के पिता को अपने पिता से पक्ष से ज्यादा माता पक्ष से लगाव था. दीनानाथ की मां येसूबाई देवदासी थीं. वो गोवा के 'मंगेशी' गांव में रहती थीं. वो भी मंदिरों में भजन-कीर्तन कर जिंदगी का गुजारा करती थीं. बस यहीं से दीनानाथ को 'मंगेशकर' नाम का टाइटल मिला. जन्म के समय लता जी का नाम हेमा रखा गया था. पर एक बार उनके पिता दीनानाथ ने 'भावबंधन' नाटक में काम किया. जिसमें एक फीमेल कैरेक्टर का नाम 'लतिका' था. लता जी के पिता को ये नाम इतना पसंद आया कि उन्होंने जल्दी से अपनी बेटी 'हेमा' का नाम बदलकर 'लता' रख दिया. ये वही छोटी 'हेमा' है, जिसे पूरी दुनिया आज 'लता मंगेशकर' के नाम से जानती है.
संगीत की दुनिया में लता जी एक बड़ा नाम हैं और यहां आने वाला हर शख्स उन्हें देवी मानता है. अपनी गायिकी के दम पर उन्हें बड़े अवॉर्ड्स से नवाजा गया था. लता मंगेशकर को दादासाहब फाल्के और भारत रत्न अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया था. अपने सिंगिंग करियर में उन्होंने कई सदाबहार गाने गाये थे, जो हमेशा ही म्यूजिक प्रेमियों के फेवरेट बने रहेंगे.