भारत ही नहीं बल्कि दुनिया में स्वर कोकिला के नाम से मशहूर लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar)आज 92 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह गई. उनके जाने के बाद पूरे देश की आंखें नम हैं. आपको बता दें कि लता दीदी का जन्म 28 सितंबर 1929 को इंदौर के मराठी परिवार में पंडित दीनदयाल मंगेशकर के घर हुआ. इनके पिता रंगमंच के कलाकार और गायक भी थे इसलिए संगीत इन्हें विरासत में मिला था. लता मंगेशकर का पहला नाम 'हेमा' था, मगर जन्म के 5 साल बाद माता-पिता ने इनका नाम 'लता' रख दिया था. उनके जाने के बाद उनके जीनव की कुछ अनसुनी बाते आज हम आपको बताने जा रहे हैं. जिन्हें आपने कहीं नहीं सुना होगा.
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अनसुने रिकॅार्ड व बातें
सन 1974 में दुनिया में सबसे अधिक गीत गाने का 'गिनीज़ बुक रिकॉर्ड' उनके नाम पर दर्ज है. जिसके बारे में ज्यादा लोगों को नहीं पता चल सका था. अभी भी गाने की रिकॉर्डिंग के लिये जाने से पहले लता मंगेशकर कमरे के बाहर अपनी चप्पलें उतारती थी .वे हमेशा नंगे पाँव गाना गाती थी. लता दीदी महज एक दिन के लिए स्कूल गई थी. इसकी वजह यह रही कि जब वह पहले दिन अपनी छोटी बहन आशा भोसले को स्कूल लेकर गई तो अध्यापक ने आशा भोसले को यह कहकर स्कूल से निकाल दिया कि उन्हें भी स्कूल की फीस देनी होगी. बाद में लता ने निश्चय किया कि वह कभी स्कूल नहीं जाएंगी. हालांकि बाद में उन्हें न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी सहित छह विश्वविद्यालयों में मानक उपाधि से नवाजा गया.
ये भी जानें
लता को अपने सिनेमा करियर में मान-सम्मान बहुत मिले हैं. वे फिल्म इंडस्ट्री की पहली महिला हैं जिन्हें भारत रत्न और दादा साहब फाल्के पुरस्कार प्राप्त हुआ. उनके अलावा सत्यजीत रे को ही यह गौरव प्राप्त है. वर्ष 1974 में लंदन के सुप्रसिद्ध रॉयल अल्बर्ट हॉल में उन्हें पहली भारतीय गायिका के रूप में गाने का अवसर प्राप्त है. लता की सबसे पसंदीदा फिल्म द किंग एंड आई है. हिंदी फिल्मों में उन्हें त्रिशूल, शोले, सीता और गीता, दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे और मधुमती पसंद हैं. वर्ष 1943 में प्रदर्शित ही फिल्म किस्मत उन्हें इतनी पसंद आई कि उन्होंने यह फिल्म तकरीबन पचास बार तक देखी थी.
लता ने मोहम्मद रफी के साथ सैकड़ो गीत गाए थे, लेकिन एक वक्त ऐसा भी आया था जब उन्होंने रफी से बातचीत करना बंद कर दिया था. लता गानों पर रॉयल्टी की पक्षधर थीं, जबकि मोहममद रफी ने कभी भी रॉयल्टी की मांग नहीं की. दोनों का विवाद इतना बढ़ा कि मोहम्मद रफी और लता के बीच बातचीत भी बंद हो गई और दोनों ने एक साथ गीत गाने से इंकार कर दिया था. हालांकि चार वर्ष के बाद अभिनेत्री नरगिस के प्रयास से दोनों ने एक साथ एक कार्यक्रम में ‘दिल पुकारे’गीत गाया था.
HIGHLIGHTS
- आज 92 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह गई स्वर कोकिला लता मंगेशकर
Source : News Nation Bureau