बॉलीवुड एक्टर मनोज बाजपेयी को भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के बेहतरीन एक्टर्स में से एक माना जाता है. इस स्टार ने अपने करियर में कई सारी फिल्मों में काम किया है. जैसे दौड़, सत्या, बैंडिट क्वीन, राजनीति आदि और हर फिल्म में अपने अभिनय से एक्टर ने हमेशा सराहना लूटी है. फिल्म दौड की बात करें तो, यह फिल्म 1997 में रिलीज हुई थी. साथ ही, इस फिल्म का निर्देशन राम गोपाल वर्मा ने किया है. बता दें कि, 'दौड' में मनोज ने फिल्म में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, लेकिन क्या आप जानते हैं कि मनोज बाजपेयी का फिल्म में काम करने का मुख्य कारण क्या था? आज हम उसी के बारे में बात करने जा रहे हैं.
आपको बता दें कि, मनोज बाजपेयी ने 1994 में फिल्म 'बैंडिट क्वीन' से बॉलीवुड में अपनी शुरुआत की थी. हालांकि, अभिनेता को सत्या (1998) में भीकू म्हात्रे की भूमिका निभाने के बाद से ही पहचान मिली थी. हाल ही में हुए एक इंटरव्यू में, उन्होंने बताया था कि, 'बैंडिट क्वीन' में लोग उन्हें पहचान नहीं पाएंगे क्योंकि उनका किरदार उस फिल्म में काफी अलग था.
मीडिया से बातचीत करते हुए करते हुए, मनोज ने यह भी खुलासा किया कि राम गोपाल वर्मा वर्षों से उनकी तलाश कर रहे थे, क्योंकि वह उनके प्रदर्शन से बहुत प्रभावित थे. काम के बारे में बात करते हुए मनोज बाजपेयी ने कहा कि दौड़ में अपनी कास्टिंग की वजह से वह अपने घर का किराया दे सके थे. अभिनेता ने कहा, “कई लोग इस तरह के वादे करते हैं. तो मैंने उनसे कहा, 'सर, वो जब होगा तो होगा, मुझे ये करने देंगे, मुझे पैसे की जरूरत है. गौरतलब है कि 'दौड' के लिए मनोज को 30 हजार रुपये मिले थे और उस पैसे से वह एक साल तक घर का किराया चुका सके थे.
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अभिनेता के वर्क फ्रंट की बात करें तो, मनोज बाजपेयी आज तक जुबैदा, अक्स, कौन, एलओसी कारगिल, आरक्षण, स्पेशल 26 और भोंसले जैसी कई फिल्मों में काम कर चुके हैं. बता दें कि, उन्होंने 2006 में एक्ट्रेस शबाना रजा से शादी की थी और अब उनकी एक बेटी भी है. वह अगली बार 'द फैमिली मैन' सीजन 3 में दिखाई देंगे, जिसे राज एंड डीके द्वारा निर्देशित किया जाएगा.