राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेता मनोज वाजपेयी के पिता आरके बाजपेयी का रविवार सुबह निधन हो गया. मनोज के पिता का 83 वर्ष के थे. पिछले कुछ दिनों से उनके पिता की हालत बहुत गंभीर थी. मनोज बाजपेयी के करीबी शैलेंद्र प्रताप सिंह ने इसकी पुष्टि की है. उनके निधन की सूचना मिलते ही अभिनेता के पैतृक गांव गौनाहा प्रखंड के बेलवा में मातम पसर गया है. गांव के लोगों का कहना है कि वे काफी दयालु एवं गरीबों के मददगार थे. बता दें कि एक माह से अभिनेता के पिता अपने छोटे पुत्र सुजीत बाजपेयी के देखरेख में दिल्ली में थे. सुजीत बाजपेयी भारत सरकार में संयुक्त सचिव के पद पर कार्यरत हैं. दिवंगत के तीन पुत्र हैं, जिसमें सबसे बड़े अभिनेता मनोज बाजपेयी हैं.
मनोज को पिता से था गहरा लगाव
यहां मनोज बाजपेयी के पिता की तबीयत खराब होने के बाद उन्हें दिल्ली ले जाया गया था. पिता के बीमार होने की सूचना मिलने पर केरल में अपने फिल्म की शूटिंग में व्यस्त मनोज दिल्ली पहुंच गए. मनोज का अपने पिता से गहरा लगाव था. इसकी चर्चा उन्होंने अपने कई साक्षात्कार में भी की. पश्चिम चंपारण के एक छोटे गांव से मुंबई तक पहुंचाने में मनोज के पिता का सहयोग रहा है. गौरतलब है कि मनोज हाल ही में कमाल राशिद खान के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराने के बाद भी चर्चा में आ गए थे.
पिता ने हौसला बढ़ाया
मनोज ने फिल्मों में एक खास मुकाम हासिल करने के साथ ही साथ ओटीटी प्लेटफार्म पर भी अलग पहचान बनाई है. कहा तो यह भी जा रहा है कि उन्होंने ओटीटी को स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. द फैमिली मैन की लोग खूब प्रशंसा कर रहे हैं. मनोज अक्सर अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए पिता को याद करना नहीं भूलते हैं. आरंभिक सफलता मिलने के बाद हौसला बढ़ाने की बात भी उन्होंने इंटरव्यू के दौरान कही है.
HIGHLIGHTS
- अपने पिता से गहरा लगाव रखते थे मनोज बाजपेयी
- फिल्मों में स्थापित होने से पहले संघर्ष का दिया हौसला
- अपने बेटे के पास दिल्ली में रहकर करा रहे थे इलाज