Manoj Bajpayee On Rejection: बॉलीवुड एक्टर मनोज बाजपेयी अपने करियर के पीक पर हैं. शाहरुख खान के साथ फिल्म 'वीर-जारा' से पॉपुलर हुए मनोज बाजपेयी आज बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर हैं. उन्होंने कई सत्या समेत कई फिल्मों में शानदार काम किया है. भले बाजपेयी आज बॉलीवुड के स्टार एक्टर हैं लेकिन एक जमाने में उन्होंने काफी रिजेक्शन झेले हैं. यहां तक कि जब वो ऑडिशन के लिए जाते थे लोग उनकी शक्ल देखकर रिजेक्ट कर देते थे. उनकी लुक्स का मजाक उड़ाया जाता था. कास्टिंग डायरेक्टर ने उन्हें यह तक कह दिया था कि वो हीरो और विलेन दोनों जैसे ही नहीं लगते हैं.
मनोज बाजपेयी इन दिनों अपनी हालिया रिलीज फिल्म 'सिर्फ एक बंदा काफी है' (Sirf Ek Banda Kaafi Hai) को लेकर चर्चा में हैं. ये फिल्म ओटीटी प्लेटफॉर्म 'जी5' (Zee5) पर रिलीज हुई है. फिल्म के प्रमोशन के बीच मनोज बाजपेयी के इंटरव्यू काफी पॉपुलर हो रहे हैं. एक्टर ने अब एक मीडिया पोर्टल के साथ बातचीत में अपने स्ट्रगल के दिनों को याद किया है. एक्टर ने बताया कि उन्होंने दिल्ली में 10 थिएटर किया तब तक उनके पास खाने के लिए भी पैसे नहीं थे.
मनोज बाजपेयी ने कहा, स्ट्रगल ने उन्हें कभी परेशान नहीं किया क्योंकि वो अपने दोस्तों के साथ रहते थे. हर रोज 5-6 किमी पैदल चलते थे. उन्होंने बताया कि वो कई बार ऑडिशन देने जाते थे. सबके साथ लाइन में खड़े होते थे. तब वहां असिस्टेंट डायरेक्टर और कास्टिंग डायरेक्टर मेरे चेहरे पर बोल देथे थे. लोग कमेंट करते थे कि आप न तो हीरो लगते हैं और न ही विलेन, इसलिए फिल्मों में मुझे हमेशा साइड रोल मिले या विलेन के सपोर्टर का या फिर हीरो के दोस्त का..'
एक्टर ने कहा, "वैसे लोगों ने अच्छा किया जो मुंह पर ही बोला इसलिए मैंने कभी नहीं सोचा कि मैं भी कभी बड़ा हीरो बनूंगा."
मनोज बाजपेयी ने यह भी बताया कि स्ट्रगल के बाद वो मुंबई छोड़कर जाने वाले थे. उन्होंने कहा कि बैंडिट क्वीन और थिएटर करने के बाद भी मुझे काम नहीं मिल रहा था. मैंने तय किया कि अगर अगले हफ्ते तक कुछ नहीं हुआ तो मैं वापस चला जाऊंगा. ये एक्टिंग-वैक्टिंग मेरे बसर की बात नहीं है."