बॉलीवुड एक्टर मनोज बाजपेयी (Manoj Bajpayee) जिन्होंने कई स्वतंत्र फिल्मों में काम किया है ने हाल ही में फिल्मों में काम करने को लेकर अपना अनुभव साझा किया है. एक्टर ने शूस्ट्रिंग बजट पर काम करने के अपने अनुभव को याद करते हुए खुलासा किया कि एक बार ऐसी नौबत आ गई थी कि उन्हें ट्रक के पीछे कपड़े बदले थे. एक बार पैसे की तंगी के कारण उन्हें तीन सितारा होटलों के साथ काम करना पड़ा था. एक इंटरव्यू में, मनोज ने कहा, “मुझे खुद अपनी स्वतंत्र फिल्म की मार्केटिंग करनी पड़ी क्योंकि कोई बजट नहीं था, जो भी बजट था, उसका इस्तेमाल फिल्म बनाने में किया गया. मैंने सब कुछ किया है. मैंने एक ट्रक के पीछे कपड़े भी बदल दिए हैं, क्योंकि वहां कोई वैन नहीं थी. ”
मेन्स्ट्रीम और स्वतंत्र दोनों तरह की फिल्में करने के बारे में बात करते हुए, अभिनेता (Manoj Bajpayee) ने कहा कि मेन्स्ट्रीम एक अलग स्तर पर मांग कर रही है, लेकिन आपके फ्रेम की मांग नहीं कर रही है." अभिनेता ने कहा कि मेन्स्ट्रीम की फिल्म करने के दौरान माहौल ठंडा हो जाता है और कहा, "जब मैं एक कोल्ड ड्रिंक मांगता हूं, तो मुझे पांच मिलते हैं और हम इसे प्यार करते हैं. इसके उलट मनोज ने कहा कि एक स्वतंत्र फिल्म पर काम करने के दौरान उन्हें फाइव स्टार होटल के बजाय तीन सितारा होटल में रहने को मिलता है.
इस फिल्म ने दिलाया था फेम
एक्टर ने (Manoj Bajpayee) ने यह भी कहा कि एक स्वतंत्र फिल्म पर काम करने के दौरान उन्हें और उनके कर्मचारियों को एक इनोवा में एडजस्ट करना पड़ा. "लेकिन मेन्स्ट्रीम में, ऐसी कारें हैं जिनमें मेरे कर्मचारी बैठे हैं. मैं राजा के तरह बैठा रहता हूं. इसलिए मैं इसका लुत्फ उठाता हूं." कम बजट की फिल्मों में काम करने की चुनौतियों के बावजूद, मनोज ने स्वीकार किया कि फिल्म 'अलीगढ़' में उनके रोल ने उन्हें फेम दिलाया और यह एक ऐसा रोल था जिसके लिए लोग उन्हें आज भी याद करते हैं. वहीं मनोज बाजपेयी के वर्कफ्रंट की अगर बात करें तो वो इन दिनों अपनी अपकमिंग फिल्म 'सिर्फ एक बंदा काफी है' के प्रमोशन में बिजी हैं. हाल ही में फिल्म का ट्रेलर रिलीज हो गया है.