रविंद्र जैन... एक ऐसे शख्स, जिन्होंने आंखों की रोशनी न होते हुए भी पूरी दुनिया को संगीत की रोशनी दी. उन्होंने एक से बढ़कर एक कई यादगार गीत बनाए, जो ताउम्र याद रहेंगे. उनका जन्म 28 फरवरी 1944 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हुआ था. उन्होंने अलीगढ़ यूनिवर्सिटी के ब्लाइंड स्कूल से अपनी पढ़ाई पूरी की. रविंद्र ने 4 साल की उम्र में ही संगीत की तालीम लेना शुरू कर दिया था और फिर वह संगीत के शिक्षक बनकर कोलकाता पहुंच गए.
कोलकाता जाने के बाद रविंद्र जैन की मुलाकात फिल्मकार राधेश्याम झुनझुनवाला से हुई. इसके बाद वह मुंबई पहुंच गए. साल 1971 में रविंद्र ने पहली बार संगीत निर्देशन में पांच गाने रिकॉर्ड किए, लेकिन उनकी किस्मत का सितारा अभी तक चमका नहीं था.
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कई असफलताओं का सामना करने के बाद राजश्री प्रोड्क्शन की फिल्म 'सौदागर' से रविंद्र को पहचान मिली. उनके गाने 'हर हसीं चीज का मैं तलबगार हूं' हिट साबित हुआ और फिर उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
रविंद्र जैन ने 'गीत गाता चल मुसाफिर', 'ले जाएंगे ले जाएंगे दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे', 'ठंडे ठंडे पानी से नहाना चाहिए' और 'एक राधा एक मीरा' जैसे तमाम यादगार गाने बनाएं.
फिल्मों के अलावा रविंद्र ने दूरदर्शन पर आने वाले सीरियल 'रामायण' में बजने वाले भजन 'मंगल भवन अमंगल हारी' को भी अपनी आवाज दी, जो आज भी लोकप्रिय है.
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साल 2015 में रविंद्र जैन को पद्मश्री अवॉर्ड से नवाजा गया और इसी साल अक्टूबर महीने में उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया.
Source : News Nation Bureau