अभिनेता आलोक नाथ की पत्नी आशू सिंह द्वारा विनता नंदा के खिलाफ दायर की गई मानहानि याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है. 'मी टू' मूवमेंट के तहत 1990 के दशक के मशहूर शो 'तारा' की लेखिका और निमार्ता विनता नंदा ने 'संस्कारी' छवि वाले आलोक नाथ पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. जिसके बाद आलोक नाथ की पत्नी ने विनता के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज करवाया था.
आशु सिंह ने अपनी खाचिका में कहा था कि विनता के किसी भी प्लेटफॉर्म पर बयान देने पर रोक लगाई जाए. इस याचिका पर सुनवाई करने के बाद कोर्ट ने कहा विनता टीवी, सोशल मीडिया या अन्य किसी भी प्लेटफॉर्म पर बोलने के लिए आजाद हैं. कोर्ट ने उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हवाला दिया है.
आलोक नाथ पर्दे पर अपनी 'संस्कारी' छवि के लिए जाने जाते हैं. नंदा ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा, 'मैंने इस क्षण के आने का 19 साल से इंतजार किया.' नंदा ने कहा कि वह फिल्म और टीवी उद्योग में सबसे 'संस्कारी' व्यक्ति माने जाते थे.
#MeToo ने प्रेरित किया
#MeToo मूवमेंट ने नंदा को भी अपने इस दुखद दास्तां को बयां करने के लिए प्रेरित किया. नंदा ने लिखा, "वह एक शराबी, लापरवाह और बुरा शख्स था लेकिन वह उस दशक का टेलीविजन स्टार भी था, इसलिए न केवल उसे उसके बुरे व्यवहार के लिए माफ कर दिया जाता था बल्कि कई लोग उसे और भी ज्यादा बुरा बनने के लिए उकसाते थे.
दूसरों को भी परेशान किया
गौरतलब है कि विन्ता ने बताया कि उसने शो की मुख्य अभिनेत्री को भी परेशान किया, जो उसमें बिल्कुल दिलचस्पी नहीं दिखाती थी. अपने साथ हुए सबसे बुरी घटना का जिक्र करते हुए नंदा ने कहा कि एक बार वह आलोक नाथ के घर पर हुई पार्टी में शामिल हुई और वहां से देर रात दो बजे के करीब घर जाने के लिए निकलीं. उनके ड्रिंक में कुछ मिला दिया गया था.
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'मी टू' अभियान भारत में दिनोदिन जोर पकड़ता जा रहा है. यौन उत्पीड़न की शिकार महिलाएं मुखर होकर मीडिया के सामने आपबीती सुना रही हैं और सुनने वाले सफेदपोशों के चेहरे से नकाब उतरता देख रहे हैं और हर नए खुलासे पर चौंक रहे हैं. दुनिया ने देखा कि इस अभियान की ताकत भांपकर दुनिया की सैर कर लौटे हमारे विदेश राज्यमंत्री एम.जे.अकबर को पद से इस्तीफा देना पड़ा है.
Source : News Nation Bureau