इन दिनों चल रहे 'द कश्मीर फाइल्स' के विवाद में अब एक और नई कड़ी सामने आई है. इजराइली फिल्ममेकर नादव लापिड जिन्होंने 53वे इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया के दौरान 'द कश्मीर फाइल्स' को "वल्गर और प्रोपेगेंड़ा" वाली फिल्म कहा था, अब उनका इस ही कमेंट को लेकर एक बयान सामने आया है. जी हां, आखिरकार चल रहे फिल्म के विवाद में नादव लापिड ने अपने किए गए कमेंट के पीछें का कारण बताया है.
मीडिया के साथ बातचीत के दौरान, नादव लापिड ने बताया कि उन्हें ये सब करने से पहले कैसा महसूस हो रहा था, और कहा 'यह आसान पोजिशन नहीं थी, क्योंकि आप एक मेहमान थे, मैं जूरी के प्रेजिडेंट के तौर पर वहां मौजूद था आपके साथ बहुत अच्छे से व्यवहार किया गया था, और फिर आप आकर फेस्टिवल पर हमला करदो, वहां पर डर था, वहां पर मैं असहज था, तो हां मुझे भय था'. फिल्ममेकर ने आगे कहा ' मैं खुश हूं की अब मैं एयरपोर्ट के रास्ते में हूं.'
उन्होंने बात को आगे बढाते हुए कहा, "ऐसे देशों में जो तेजी से अपने मन की बात कहने या सच बोलने की क्षमता खो रहे हैं, किसी को अवाज उठाने की जरूरत महसूस होती है. जब मैंने यह फिल्म देखी, तो मैं सोचने लगा यह इजराइल के जैसा ही है, जो अभी वहां नहीं हुआ पर हो सकता है. इसलिए, मुझे लगा कि मुझे इस पर बोलना चाहिए, क्योंकि मैं एक ऐसी जगह से आया हूं जो खुद में अभी तक सुधार नहीं कर पाई है और रिफॉर्म होने के रास्ते में है.
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आपको बता दें कि, इस साल की शुरुआत में सिनेमाघरों में रिलीज़ हुई, 'द कश्मीर फाइल्स' तीन दशक पहले हुई कश्मीरी पंडितों के पलायन और हत्याओं के बारे में है. फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती, अनुपम खेर, और पल्लवी जोशी जैसे कई सारे एक्टर्स शामिल हैं.