Budget 2023 : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने आम बजट 2023 (Budget 2023) पेश कर दिया है. जिसमें आम जनता को कई चीजों में काफी राहत मिली है. हालांकि, कुछ चीजें महंगी भी हुईं हैं. लेकिन फिलहाल हम इस बारे में बात नहीं करने वाले हैं, बल्कि आपको फिल्म इंडस्ट्री की उस मांग के बारे में बताने वाले हैं, जो वो काफी समय से कर रही है. लेकिन हर बजट में उनकी उम्मीदों पर पानी फिर जाता है. साल 2023 के आम बजट में भी फिल्म इंडस्ट्री नाउम्मीद ही रह गई.
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फिल्म इंडस्ट्री को किया जा रहा नजरअंदाज
बजट में फिल्म इंडस्ट्री पर ध्यान न दिए जाने पर पर हाल ही में फिल्ममेकर अशोक पंडित ने बात की है. जिसमें उन्होंने कहा है कि मनोरंजन जगत में सिनेमा, टेलीविजन, ओटीटी और अन्य शो शामिल हैं. जिन्हें हमेशा आने वाले बजट से उम्मीद रहती हैं. लेकिन हर साल दुर्भाग्य से सरकार द्वारा मनोरंजन जगत को उपेक्षित समझा जाता है. उनका कहना है कि आज तक किसी भी सरकार द्वारा उन्हें अहमियत नहीं दी गई है और न ही मनोरंजन जगत को गंभीरता से लिया गया है. साथ ही इसे दूसरे उद्योगों जितना महत्व भी नहीं दिया गया है.
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बजट 2023 में थी करों की छूट की उम्मीद
वहीं, फिल्म बिजनेस एक्सपर्ट गिरीश जौहर ने भी बजट 2023 के ऐलान से पहले इस पर बात की थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि टिकटों पर एंटरटेनमेंट टैक्स एक बड़ा विषय है. इसके साथ ही उन्होंने बजट में करों की छूट की उम्मीद के साथ कहा कि इस तरह बिरादरी को आगे बढ़ने में मदद मिल सकती है. हालांकि, उनकी ये उम्मीद पूरी नहीं हो सकी.
बजट 2022 के ऐलान के समय FWICE प्रेसिडेंट ने कही थी ये बात
आपको बता दें कि साल 2022 में भी बजट ऐलान के दौरान Federation of Western India Cine Employees (FWICE) के प्रेसिडेंट बीएन तिवारी ने भी निराशा जताई थी. उन्होंने कहा था कि बजट में अक्सर बॉलीवुड इंडस्ट्री को नजर अंदाज कर दिया गया है. हमारे जो भी अनऑर्गनाइज्ड सेक्टर हैं, उनके लिए कोई-न-कोई सुविधा जरूर होनी चाहिए. हालांकि, इस पर राज्य या केंद्र सरकार की तरफ से ध्यान नहीं दिया जाता. तिवारी ने कहा कि कोरोना के दौरान कितने वर्कर्स बेरोजगार हो गए और भुखमरी के चलते उनकी मौत तक हो गई, उनके लिए कोई सुविध नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने सरकार से मांग की थी कि जो लोग इंडस्ट्री का बैकबोन हैं, उनके हक में भी सोचा जाए.
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फिल्म इंडस्ट्री के लिए उठी थी बजट की मांग
इसके अलावा प्रोड्यूसर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने भी बीते साल बजट की मांग रखी थी. जिसमें उन्होंने कुछ चीजें शामिल की थी-
- पेमेंट पर कम TDS लगाया जाए.
- टैक्स ब्रेक दिया जाए.
- पिछले साल के घाटे को कैरी फॉरवर्ड करने की इजाजत मिले.
- नए स्क्रीन शुरू करने के लिए आसान लोन मिले.
- वर्किंग कैपिटल में मदद दी जाए.
- प्रोडक्शन के लिए लोन पर मोरेटोरियम.
HIGHLIGHTS
- निर्मला सीतारमण ने बजट 2023 किया पेश
- मनोरंजन जगत के लोगों को बजट से थी ये उम्मीद
- फिल्म इंडस्ट्री की उम्मीदों पर फिर फिरा पानी