पद्मावत की रिलीज पर रोक की मांग की अर्जी को सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दिया है। एक वकील ने शीर्ष अदालत में अर्जी दायर कर कहा था कि फ़िल्म की रिलीज से कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'कानून-व्यवस्था बनाए रखना हमारी नहीं, राज्य सरकार की जिम्मेदारी है, हम पहले ही अपने आदेश में साफ कर चुके हैं।'
आपको बता दें कि गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म 'पद्मावत' की रिलीज पर रोक के गुजरात, राजस्थान और हरियाणा की सरकारों के आदेश पर रोक लगा दी थी।
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविल्कर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने तीन राज्यों द्वारा विवादास्पद फिल्म की रिलीज पर लगाई गई रोक की 'अधिसूचनाओं और आदेशों' पर रोक लगाते हुए कहा कि अन्य राज्य भी फिल्म की स्क्रीनिंग पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश जारी नहीं करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'कानून-व्यवस्था कायम रखना राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है। मूवी देखने जा रहे लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना भी राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है।'
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संजय लीला भंसाली को फिल्म पद्मावत (पद्मावती) पर सुप्रीम राहत मिलने से नाराज राजपूत करणी सेना ने कहा था कि आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे।
श्री राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने गुरुवार को कहा था कि फिल्म पर प्रतिबंध लगाने के लिए वे लोग राष्ट्रपति से मिलने की कोशिश भी करेंगे। उन्होंने कहा कि वे इस फिल्म का प्रदर्शन नहीं होने देंगे।
करणी सेना के अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है और जल्द ही राष्ट्रपति से मिलने की कोशिश करेंगे। उन्होंने घोषणा करते हुए कहा 24 जनवरी को चित्तौड़गढ़ में हजारों महिलाएं जौहर करेंगी।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का फिल्म जगत ने स्वागत किया है। जबकि राजपूत संगठन फिल्म का विरोध कर रहा है। बिहार के मुजफ्फरपुर में करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने फिल्म के विरोध में सिनेमा हॉल में जमकर तोड़-फोड़ की और पोस्टर फाड़ डाले।
HIGHLIGHTS
- पद्मावत की रिलीज पर रोक की मांग की अर्जी को सुप्रीम कोर्ट ने ठुकराया
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा, कानून-व्यवस्था बनाए रखना हमारी नहीं, राज्य सरकार की जिम्मेदारी
Source : News Nation Bureau