कांग्रेस सरकार में सूचना-प्रसारण मंत्री रहे मनीष तिवारी ने पद्मावती विवाद को लेकर रविवार को कहा कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) को खत्म कर दिया जाना चाहिए।
उन्होंने ट्वीट किया, 'मेरी समझ से प्रसून जोशी को जयपुर साहित्य उत्सव में ससम्मान शामिल होना चाहिए। अच्छे लोगों को बुराई को अच्छाई तक लाने के लिए कुछ नहीं करना होता है। मैं मानता हूं कि फिल्म प्रमाणन बोर्ड को खत्म कर देना चाहिए। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने जैसे मुद्गल कमेटी के साथ किया था। जब तक फिल्म प्रमाणन बोर्ड है, तब तक मंत्रालय और बोर्ड को इसकी गरिमा का सम्मान करते रहना चाहिए।'
कांग्रेस नेता ने करणी सेना की धमकी मिलने के बाद फिल्म सीबीएफसी के अध्यक्ष प्रसून जोशी के जयपुर साहित्य उत्सव में शामिल होने का कार्यक्रम रद्द करने पर यह बयान दिया। करणी सेना ने प्रसून जोशी द्वारा फिल्म 'पद्मावत' को हरी झंडी देने के कारण उन्हें जयपुर साहित्य उत्सव में शामिल नहीं होने की धमकी दी थी।
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इससे पहले जोशी ने 'पद्मावत' मुद्दे पर बयान दिया था, 'मैंने अपना काम किया और ईमानदारी से संतुलित निर्णय लिया। जैसा कि मैं पहले ही बोल चुका हूं कि फिल्म का प्रमाणन एक निश्चित प्रक्रिया के तहत होता है, जिसमें समाज और फिल्म की कहानी को ध्यान में रखकर सभी जायज सुझावों पर विचार किया जाता है।'
सुप्रीम कोर्ट ने संजय लीला भंसाली की 'पद्मावत' को भारत भर में रिलीज की अनुमति मिलने के बाद भी यह फिल्म कुछ राज्यों में रिलीज नहीं हो सकी है। इसलिए जहां भी इस फिल्म का प्रदर्शन हो रहा है, उन सिनेमाघरों में लंबी लाइन लगी हुई हैं।
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Source : IANS