निर्देशक संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' को लेकर काफी समय से गहराता विवाद थमना का नाम नहीं ले रहा है। इसके कारण केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) की समीक्षा के लिए इतिहासकारों और पूर्व राजघराने की समिति गठित की गई है।
खबरों की मानें तो इस समिति में 6 सदस्य होंगे, जो 'पद्मावती' की रिलीज को लेकर फैसला लेंगे। अटकलों का बाजार गर्म है कि यह फिल्म अगले साल मार्च तक रिलीज हो सकती है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 'पद्मावती' के निर्माताओं ने फिल्म के प्रमाणन के लिए भेजे अपने आवेदन के साथ अस्पष्ट दावापत्र लगाकर मामले को व्यर्थ में जटिल कर दिया। आवेदन में उन्होंने लिखा कि फिल्म आंशिक रूप से ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित है।
सूत्र ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया कि अब प्रामाणिकता के लिए सामग्री की छानबीन करनी होगी। फिल्म को पहले निर्माताओं के पास वापस भेज दिया था, क्योंकि उन्होंने उस कॉलम को रिक्त छोड़ दिया था, जिसमें यह लिखना था कि यह फिल्म काल्पनिक है या ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित है।
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सीबीएफसी ने कहा कि 'पद्मावती' को जनवरी में ही प्रमाणित किया जा सकता है, क्योंकि दिसंबर तो लगभग बीत रहा है। 'पद्मावती' से पहले विभिन्न भाषाओं की कम से कम 40 फीचर फिल्में कतार में हैं।
सूत्र ने कहा कि वर्ष का अंतिम महीना होने के कारण बोर्ड के कुछ सदस्य छुट्टी पर हैं और कुछ अन्य बीमार हैं।
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आइएएनएस इनपुट
HIGHLIGHTS
- फिल्म अगले साल मार्च तक हो सकती है रिलीज, 'पद्मावती' को पहले निर्माताओं के पास वापस भेज दिया गया था
- इस समिति में 6 सदस्य होंगे, जो 'पद्मावती' की रिलीज को लेकर फैसला लेंगे
Source : News Nation Bureau