गोविंदा (Govinda) अभिनीत फिल्म 'रंगीला राजा' (Rangeela Raja) के ठीक से रिलीज न हो पाने पर पहलाज निहलानी (Pahlaj Nihalani) ने कहा कि उनकी फिल्म को जरूरत के मुताबिक सिनेमाघर नहीं मिले और यह इसलिए हुआ, क्योंकि मनोरंजन उद्योग को ग्लैमरस माफिया चलाते हैं.
निहलानी ने कहा, 'मुझे सेंसर बोर्ड के कामकाज के बारे में मेरे स्पष्टवादी विचारों के लिए निशाना बनाया जा रहा है. मेरी वजह से मेरे प्रमुख अभिनेता गोविंदा को निशाना बनाया जा रहा है. अगर आप मुझसे पूछें तो मैं कह सकता हूं कि गोविंदा और मेरे फिल्म उद्योग में सबसे ज्यादा दुश्मन हैं.'
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'रंगीला राजा' के लिए सिनेमाघरों की कमी पर निहलानी ने कहा कि उन्हें बिहार और झारखंड जैसी जगहों पर फिल्म रिलीज करने से मना कर दिया गया था.
उन्होंने कहा, 'ये गोविंदा के पारंपरिक गढ़ रहे हैं, जहां के लोग उनकी फिल्मों को बहुत पसंद करते हैं. पटना या रांची में एक भी सिनेमाघर 'रंगीला राजा' प्रदर्शित करने पर सहमत नहीं हुआ. क्यों? क्योंकि मेरी फिल्म खराब है? क्या केवल गुणवत्ता वाली फिल्में ही सिनेमाघरों में रिलीज हो सकती हैं? और किसने तय किया कि मेरी फिल्म घटिया है? मुट्ठी भर आलोचक, जिनके लिए मैंने प्रेस शो नहीं किया. इसलिए वे मुझसे परेशान थे और उन्होंने इसका बदला मेरी फिल्म से लिया.'
निहलानी ने कहा, 'मुझे पता है कि वे कौन हैं. मैं उन लोगों को जानता हूं, जो गोविंदा और मुझे खत्म करना चाहते हैं. मनोरंजन उद्योग एक ग्लैमरस माफिया द्वारा चलाया जाता है. वे सभी एक साथ बैठते हैं, खाते हैं, सोते हैं और फिल्में बनाते हैं. मेरे जैसे तनहा निर्माता, जिसके पीछे किसी कॉर्पोरेट का हाथ नहीं है, उसे कॉर्पोरेट संस्कृति के नाम पर फिल्म उद्योग से बाहर किया जा रहा है.'
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उन्होंने कहा, 'लेकिन वह कहीं नहीं जाएंगे, क्योंकि वह उन लोगों से अधिक समय से फिल्म उद्योग का हिस्सा हैं, जो इन चीजों को बढ़ावा दे रहे हैं. मैं गोविंदा के साथ एक और फिल्म बनाऊंगा और साबित करूंगा कि वह भी ए-लिस्ट स्टार हैं.'
हिंदी सिनेमा के मशहूर अभिनेता गोविंदा 'रंगीला राजा' को लेकर केंद्रीय फिल्म बोर्ड प्रमाणन (सीबीएफसी) के विरोध से निराश थे. सेंसर बोर्ड ने 'रंगीला राजा' में 20 कट लगाने के सुझाव दिए थे.
Source : IANS