पंकज कपूर का जन्म 29 मई 1961 को पंजाबी परिवार में पंजाब के लुधियाना में हुआ था. अभियनय में रूचि होने के चलते साल 1973 में उन्होंने इंजिनीरिंग की पढ़ाई खत्म की और नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा की तरफ अपना रुख कर लिया. जहां उन्होंने एक्टिंग की बारीकियां सीखीं, इसके लिए उन्हें बेस्ट एक्टर एवॉर्ड से भी नवाजा गया.
एक के बाद एक पंकज कपूर की जिंदगी बदलती गई. वहीं उनकी एक्टिंग उतनी ही निखरती चली गई. पंकज कपूर ने अदाकारा और नृत्यांगना नीलिमा अजीम से शादी की, दोनों के दो बेटे शाहिद कपूर और रिहान कपूर दोनों की जिंदगी में आ चुके थे. लेकिन उनकी यह शादी महज कुछ ही दिन तक चल पाई. उन्होंने अपनी दूसरी शादी अभिनेत्री सुप्रिया पाठक से की.
80 के उस जमाने में सिर्फ दूरदर्शन ही लोगों का मनोरंजन करता था. उस समय एक ऐसा टीवी धारावाहिक जासूस कर्मचंद्र ने लोगों के दिलों को छू लिया. यह जासूस कर्मचंद आपको हमेशा काले चश्मे में गाजर खाता नजर आता था. जासूस कर्मचंद का भूमिका अदा करने वाला अभिनेता कोई और नहीं बल्कि पंकज कपूर थे.
पंकज कपूर में शयन बेनेगल की फिल्म आरोहण से हिंदी सिनेमा में कदम रखा. साल 1982 में उन्होंने ऑस्कर विजेता रिचर्ड अटेनबरो के निर्देशन में बनी फिल्म गांधी में प्यारेलाल का किरदार निभाया. इसके बाद उन्होंने आर्ट फिल्म मंदी में काम किया. यह वह जमाना था जब हिंदी सिनेमा में आर्ट फिल्में बनाने का चलन नहीं था, लेकिन पंकज कपूर में भारी जोखिम उठाते हुए यह फिल्म की और अपने अभिनय से लोगों के दिलों में उतर गए.
कर्मचंद्र, आरोहण और मंडी जैसी फिल्मों में अपनी बेहतरीन अदाकारी से पंकज कपूर ने हिंदी सिनेमा में अपनी एक अलग पहचान बनाई. इन फिल्मों के बाद पंकज कपूर की अदाकारी लोगों के सिर चढ़कर बोलने लगी. साल 1991 में पंकज ने डॉक्टर की मौत फिल्म में बेहतरीन अदाकारी दिखाई, जिसके लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरुस्कार स्पेशल जूरी अवॉर्ड से भी नवाजा गया.
Source : Sahista Saifi