भाजपा नेता और बॉलीवुड अभिनेता परेश रावल के बीते दिन काफी मुश्किल भरे रहे हैं. दरअसल बीते साल गुजरात में एक रैली के दौरान एक्टर ने ऐसी बात कही थी, जिसकी वजह से उन्हें भारी मुसीबतों का सोमना करना पड़ा. परेश रावल ने कथित तौर पर एक 'बंगाली विरोधी टिप्पणी' की थी और उनके खिलाफ दायर एफआईआर भी दायर की गई थी. साथ ही अब नई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कलकत्ता उच्च न्यायालय की जज ने आदेश दिया है कि कोलकाता पुलिस द्वारा बॉलीवुड अभिनेता परेश रावल के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं की जा सकती है और उनसे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पूछताछ की जा सकती है. सुनवाई की अगली तिथि छह फरवरी की तय की गई है.
परेश रावल का 'बंगाली विरोधी' बयान
2022 के गुजरात चुनाव में रावल ने कहा था, "गैस सिलेंडर महंगा है, लेकिन कीमतें नीचे आ जाएंगी. लोगों को रोजगार भी मिलेगा. लेकिन क्या होगा अगर रोहिंग्या प्रवासी और बांग्लादेशी दिल्ली की तरह आपके आसपास रहने लगे? आप क्या करेंगे?" गैस सिलेंडर के साथ? बंगालियों के लिए मछली पकाओ?"
आपको बता दें कि, उनके इस कमेंट से देश भर में आक्रोश फैल गया, जिससे अभिनेता को इस विषय पर अपने विचार के लिए ट्विटर पर माफी मांगनी पड़ी. रावल ने बाद में कहा कि उनका यह बयान अवैध "बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं" के संदर्भ में था. इन सब के बाद परेश रानल के खिलाफ केस भी दर्ज काराया गया. साथ ही, जब इस भाषण का वीडियो वायरल हुआ तो परेश को नेटिजंस के गुस्से का सामना करना पड़ा.
यह भी पढ़ें- Salman -Shahrukh:क्या दोबारा पर्दे पर लौटेंगे करण और अर्जुन, बड़े सीन को देंगे अंजाम!
इसके बाद, रावल के खिलाफ धारा 153 (दंगा भड़काने के इरादे से उकसाना), 153A (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 153B (भाषाई या नस्लीय समूहों के अधिकारों से वंचित करना), 504 (भड़काने के इरादे से जानबूझकर अपमान) के तहत मामला दर्ज किया गया था. भारतीय दंड संहिता (IPC) की शांति भंग) और 505 (सार्वजनिक शरारत करने वाले बयान).
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कोलकाता पुलिस ने सलीम की शिकायत के आधार पर परेश को समन भेजा था, और उन्हें 12 दिसंबर को दोपहर 2 बजे पेश होने के लिए कहा गया था. लेकिन नियत समय पर परेश का ईमेल थाने में आ गया. परेश ने जांच पुलिस अधिकारी को बताया कि वह काम में बहुत व्यस्त थे और पुलिस स्टेशन में पेश होने के लिए कम से कम छह सप्ताह का समय मांगा. इसके बाद बीजेपी सांसद और बॉलीवुड अभिनेता परेश रावल ने समन नोटिस को चुनौती देते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया.
Paresh Rawal: Anti-bengali कमेंट वाले केस से परेश रावल को मिली राहत, इस दिन होगी सुनवाई
भाजपा नेता और बॉलीवुड अभिनेता परेश रावल के बीते दिन काफी मुश्किल भरे रहे हैं.
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भाजपा नेता और बॉलीवुड अभिनेता परेश रावल के बीते दिन काफी मुश्किल भरे रहे हैं. दरअसल बीते साल गुजरात में एक रैली के दौरान एक्टर ने ऐसी बात कही थी, जिसकी वजह से उन्हें भारी मुसीबतों का सोमना करना पड़ा. परेश रावल ने कथित तौर पर एक 'बंगाली विरोधी टिप्पणी' की थी और उनके खिलाफ दायर एफआईआर भी दायर की गई थी. साथ ही अब नई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कलकत्ता उच्च न्यायालय की जज ने आदेश दिया है कि कोलकाता पुलिस द्वारा बॉलीवुड अभिनेता परेश रावल के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं की जा सकती है और उनसे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पूछताछ की जा सकती है. सुनवाई की अगली तिथि छह फरवरी की तय की गई है.
परेश रावल का 'बंगाली विरोधी' बयान
2022 के गुजरात चुनाव में रावल ने कहा था, "गैस सिलेंडर महंगा है, लेकिन कीमतें नीचे आ जाएंगी. लोगों को रोजगार भी मिलेगा. लेकिन क्या होगा अगर रोहिंग्या प्रवासी और बांग्लादेशी दिल्ली की तरह आपके आसपास रहने लगे? आप क्या करेंगे?" गैस सिलेंडर के साथ? बंगालियों के लिए मछली पकाओ?"
आपको बता दें कि, उनके इस कमेंट से देश भर में आक्रोश फैल गया, जिससे अभिनेता को इस विषय पर अपने विचार के लिए ट्विटर पर माफी मांगनी पड़ी. रावल ने बाद में कहा कि उनका यह बयान अवैध "बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं" के संदर्भ में था. इन सब के बाद परेश रानल के खिलाफ केस भी दर्ज काराया गया. साथ ही, जब इस भाषण का वीडियो वायरल हुआ तो परेश को नेटिजंस के गुस्से का सामना करना पड़ा.
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इसके बाद, रावल के खिलाफ धारा 153 (दंगा भड़काने के इरादे से उकसाना), 153A (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 153B (भाषाई या नस्लीय समूहों के अधिकारों से वंचित करना), 504 (भड़काने के इरादे से जानबूझकर अपमान) के तहत मामला दर्ज किया गया था. भारतीय दंड संहिता (IPC) की शांति भंग) और 505 (सार्वजनिक शरारत करने वाले बयान).
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कोलकाता पुलिस ने सलीम की शिकायत के आधार पर परेश को समन भेजा था, और उन्हें 12 दिसंबर को दोपहर 2 बजे पेश होने के लिए कहा गया था. लेकिन नियत समय पर परेश का ईमेल थाने में आ गया. परेश ने जांच पुलिस अधिकारी को बताया कि वह काम में बहुत व्यस्त थे और पुलिस स्टेशन में पेश होने के लिए कम से कम छह सप्ताह का समय मांगा. इसके बाद बीजेपी सांसद और बॉलीवुड अभिनेता परेश रावल ने समन नोटिस को चुनौती देते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया.