3 अफेयर के बाद भी अकेली रह गईं परवीन बाबी, ऐसे बंटी थी वसीयत

गुजरात के जूनागढ़ शहर में 1949 में जन्मीं परवीन बाबी (Parveen Babi) ने अहमदाबाद के सेंट जेवियर्स कॉलेज से पढ़ाई की थी और इसी दौरान फिल्ममेकर बीआर इशारा की नजर उन पर पड़ी

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Akanksha Tiwari
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3 अफेयर के बाद भी अकेली रह गईं परवीन बाबी, ऐसे बंटी थी वसीयत( Photo Credit : फोटो- Instagram)

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दिवंगत एक्ट्रेस परवीन बाबी (Parveen Babi) का नाम आते ही उनकी खूबसूरत काया और दमदार अभिनय आखों के सामने दिखने लगता है. आज 20 जनवरी को परवीन बाबी (Parveen Babi) की डेथ एनिवर्सरी है. 70 के दशक में परवीन के चाहने वाले हर तरफ मौजूद थे मगर फिर भी परवीन का अंत बेहद दुखद हुआ. परवीन का निधन तो 20 जनवरी को ही हो गया था मगर लोगों को इस बात की जानकारी 22 जनवरी को तब लगी जब उनकी सोसायटी के गार्ड ने परवीन के दरवाजे के बाहर दो दिन पुराना दूध का पैकेट और अखबार देखा. इसके बाद गार्ड ने पुलिस को इस बात की जानकारी दी और जब पुलिस परवीन के घर पहुंची तो देखा की लाखों दिलों की धड़कन परवीन का शव पड़ा है. परवीन की मौत कैसे हुई ये आजतक किसी को नहीं पता.

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परवीन बाबी (Parveen Babi) हमेशा ही अपने निजी जीवन की वजह से सुर्खियों में रही हैं. परवीन बॉबी हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को पहली एक्ट्रेस थीं जिन्हें 'टाइम' मैगजीन के कवर पेज पर जगह मिली थी. प्रोफेशनल लाइफ के साथ-साथ परवीन अपने अफेयर्स की वजह से भी चर्चा में रहीं. परवीन को प्यार तो 3 बार हुआ मगर हमेशा ही प्यार अधूरा रह गया जिसकी वजह से वो अपनी जिंदगी के आखिरी पलों में बिल्कुल अकेली थीं.

गुजरात के जूनागढ़ शहर में 1949 में जन्मीं परवीन बाबी (Parveen Babi) ने अहमदाबाद के सेंट जेवियर्स कॉलेज से पढ़ाई की थी और इसी दौरान फिल्ममेकर बीआर इशारा की नजर उन पर पड़ी. जब बीआर ने परवीन को देखा उस वक्त वह मिनी स्कर्ट पहने और हाथ में सिगरेट लिए नजर आई थीं. फिल्ममेकर को परवीन पहली ही नजर में इतनी पसंद आ गईं कि उन्होंने अपनी फिल्म चरित्र (1973) के लिए साइन कर लिया. फिल्म कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाई मगर परवीन को इससे पहचान मिल गई. 

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परवीन बॉबी का पहला अफेयर डैनी के साथ हुआ था जो ज्यादा दिनों तक नहीं टिक पाया था. इसके बाद परवीन बॉबी की जिंदगी में आए मॉडर्न सोच वाले कबीर बेदी (Kabir Bedi), दोनों लंबे समय तक लिव-इन रिलेशनशिप में भी रहे. लेकिन शादी से पहले ही ये रिश्ता भी टूट गया.

इसके बाद परवीन बाबी (Parveen Babi) की जिंदगी में हुई महेश भट्ट (Mahesh Bhatt) की एंट्री.  दोनों करीब तीन साल तक साथ रहे, दोनों का इश्क परवान चढ़ रहा था तब महेश भट्ट शादीशुदा थे. परवीन, महेश भट्ट को बेइंतहां प्यार करती थीं. इस बीच शराब-सिगरेट और बुरी आदतों के चलते परवीन अपना मानसिक संतुलन खोने लगीं. परवीन को सीजोफ्रेनिया नामक बीमारी हो गई थी. जिसके ठीक होने की संभावना न के बराबर थी. रिपोर्ट्स की मानें तो महेश भट्ट ने बीमारी के चलते ही परवीन से किनारा कर लिया था. परवीन की वसीयत की बात करें तो. परवीन बॉबी की मौत के करीब 2 साल बाद 2005 में एक रिश्तेदार ने उनकी जायदाद पर दावा किया था. पर उनका यह दावा झूठा साबित करते हुए लंबे समय से लंबित चल रहे इस मामले में कोर्ट ने उनकी संपत्ति जुहू में स्थित चारबेडरूम, जूनागढ़ की हवेली, आभूषण, बैंक में जमा 20 लाख रूपये और अन्य निवेश वसीयत के अनुसार, 80 प्रतिशत संपत्ति ट्रस्ट को बनाने और उसे चलाने में प्रयोग में दी. जो जूनागढ़ के बॉबी समाज की जरूरतमंद महिलाओं और बच्चों के लिए बनाया गया.

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