पिछले कुछ से बॉलीवुड फिल्मों के सीन्स पर कैंची चलाने को लेकर विवादों में घिरे पहलाज निहलानी को सीबीएफसी प्रमुख के पद से हटा दिया गया है। खबरों की मानें तो अब उनकी जगह मशहूर गीतकार प्रसून जोशी को नियुक्त किया गया है। पहलाज निहलानी को पद से हटाए जाने की चर्चा काफी दिनों से लगाई जा रही थी।
खबरों के अनुसार सूचना और प्रसारण मंत्रालय पहलाज निहलानी के कामकाज से खुश नहीं था। अपने कार्यकाल के दौरान फिल्मों में कट्स और विवादित टिप्पणियों के कारण वे कई बार विवादों में रहे। इधर खबर आ रही है कि मशहूर अभिनेत्री विद्या बालन को भी सेंसर बोर्ड का सदस्य नियुक्त किया गया है।
पहलाज निहलानी पर कई बार अड़ियल रवैया अपनाने का भी आरोप लगे हैं। वो फिल्म इंडस्ट्री के निशाने पर भी आ गए थे। उनकी टिप्पणियों की वजह से सरकार की भी किरकिरी हो रही थी।
पहलाज निहलानी का कार्यकाल तीन साल का रहा। इन तीन सालों में उनके बयान और फिल्मों पर कैंचियां चलाने के कारण वो विवादित भी रहे। पहलाज के फैसलों की काफी आलोचना भी हुई।
हाल ही में सेंसर बोर्ड ने महिला प्रधान फिल्में बनाने के लिए फेमस डायरेक्टर मधुर भंडारकर की फिल्म 'इंदु सरकार' में 14 सीन्स पर कैंची चलाई। इसके बाद नोबेल पुरस्कार से सम्मानित प्रख्यात अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन के जीवन पर बनी डॉक्यूमेंट्री और प्रकाश झा के प्रोडक्शन में बनी फिल्म 'लिपस्टिक अंडर माय बुर्का' में ताबड़तोड़ सीन्स काटे।
हद तो तब हो गई जब 'लिपस्टिक अंडर माय बुर्का' को फिल्म में बोल्ड सीन्स होने को लेकर आपत्ति जाहिर करते हुए इसे सर्टिफिकेट देने से ही मना कर दिया।
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इसके साथ ही उन्होंने शाहरुख खान की फिल्म 'जब हैरी मेट सेजल' में 'इंटरकोर्स' शब्द को लेकर आपत्ति जताई थी और उसे पास करने के लिए कई शर्ते भी रखी थीं। वहीं न्यूयॉर्क में हुए आइफा समारोह में आमिर खान की फिल्म 'दंगल' और अक्षय कुमार की फिल्में 'रुस्तम और एयरलिफ्ट' को कोई अवॉर्ड न दिए जाने पर भी उन्होंने आइफा को आड़े हाथों लिया था।
खबरें आ रही हैं कि सरकार 24 सदस्यों वाले बोर्ड को भी बदला सकती है।
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Source : News Nation Bureau