विधु विनोद चोपड़ा (VIdhu Vinod Chopra) की फिल्म 'शिकारा : द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ कश्मीरी पंडित्स (Shikara : The Untold Story of Kashmiri Pandits)' के खिलाफ जम्मू एवं कश्मीर हाईकोर्ट (Jammu-Kashmir High Court) में एक जनहित याचिका दायर कर इसे रिलीज किए जाने पर रोक लगाने और इसके कुछ दृश्यों को हटवाने की मांग की गई है. इस फिल्म को रिलीज किए जाने की तारीख 7 फरवरी है. याचिकाकर्ता इफ्तिखार मिसगर, माजिद हैदरी और इरफान हाफिज लोन ने आरोप लगाया है कि इस फिल्म में कश्मीर और कश्मीरी पंडितों के बारे में गलत तथ्य दर्शाए गए हैं. मिसगर ने आईएएनएस से कहा, "हम इसकी रिलीज रोकने और उन दृश्यों को हटवाने के लिए कह रहे हैं, जिनके जरिए घाटी के मुस्लिमों की छवि खराब करने की कोशि की गई है."
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फिल्मकार विधु विनोद चोपड़ा का कहना है कि 'शिकारा : द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ कश्मीरी पंडित्स' बनाने की वजह उनकी मां थी, जिनसे उन्हें फिल्म की प्रेरणा मिली. निर्देशक ने फिल्म बनाने के कारण का खुलासा तब किया जब वह राष्ट्रीय राजधानी में कुछ कश्मीरी पंडित शरणार्थियों के लिए जम्मू में जगती प्रवासी शिविर से कश्मीरी पंडितों के घाटी से पलायन की 30वीं सालगिरह पर फिल्म की स्क्रीनिंग की मेजबानी करने आए थे.
विधु ने कहा, "इस फिल्म को बनाने में मुझे 11 साल लगे. कई लोगों ने मुझसे पूछा कि 'यह फिल्म क्यों' और "मैं मुन्नाभाई एमबीबीएस' या '3 इडियट्स' का अगला पार्ट क्यों नहीं बना रहा हूं'.. यह मेरे लिए सिर्फ एक फिल्म नहीं है और यह मैंने अपनी मां के लिए बनाया है."
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'शिकारा' में साल 1989 में कश्मीर में हुए जातीय दंगों की कहानी को लिया गया है. फिल्म में 19 जनवरी, 1990 की रात को शिव कुमार धर (आदिल खान) और शांति धर (सादिया) के पलायन को दिखाया गया है.
Source : IANS