अपनी तारीफ सुनना किसे पसंद नहीं होता...अरे इसी तारीफ के चक्कर में तो मार्केट में इतने फिल्टर आए हैं. लोग खूबसूरत दिखने के लिए अलग-अलग फिल्टर्स का इस्तेमाल करते हैं और फिर तारीफ भरे कमेंट्स के इंतजार में बैठ जाते हैं...एक्ट्रेसेज के लिए तो तारीफ ऑक्सीजन की तरह होती है... लेकिन हिंदी सिनेमा के इतिहास में एक ऐसी ऐसी एक्ट्रेस रही हैं जिन्हें तारीफों से चिढ़ होने लगती थी...जी हां अगर कोई इनकी खूबसूरती की तारीफ कर दे तो इन्हें अच्छा नहीं लगता था.
हम बात कर रहे हैं बर्थडे गर्ल पूनम ढिल्लों की. पूनम ने 16 साल की उम्र में फिल्म 'त्रिशूल' से करियर की शुरुआत की. यश चोपड़ा की फिल्म और सचिन के साथ आया वो गाना 'गापुची गापुची गम गम' सबकी जुबान पर चढ़ गया. इसकी दो वजहें थीं एक तो गाने के बोल और दूसरी पूनम...उन्होंने पहली ही फिल्म में इस तरह की परफॉर्मेंस दी कि वह कहीं से भी उनकी पहली फिल्म नहीं लगी. एक्टिंग के मामले में उन्होंने हमेशा एक से बढ़कर परफॉर्मेंस दी लेकिन उसे नजर अंदाज करते हुए जब लुक तारीफ होती थी तो पूनम को अच्छा नहीं लगता था. इस बात का खुलासा खुद पूनम ने किया था.
क्यों ना पसंद थी तारीफ ?
जब एक रिपोर्टर ने पूनम से पूछा कि फिल्मों में काम करते हुए उन्हें सबसे ज्यादा क्या कॉम्पलिमेंट मिला और सबसे ज्यादा परेशानी किस चीज से हुई...तो इसका जवाब देते हुए पूनम बोलीं, दोनों का जवाब एक ही है और वह है मेरे लुक को लेकर मिले कॉम्पलिमेंट्स. मुझे लुक को लेकर काफी तारीफें मिलती थीं. लोग कहते थे तुम सुंदर हो. क्रिटिक्स भी यही कहा करते थे. पूनम ने कहा, मैं हमेशा सोचती थी कि आखिर यह कैसा कॉम्पलिमेंट है...जिसमें मेरा कोई रोल ही नहीं. यह चेहरा, स्किन, बाल सबकुछ तो गॉड गिफ्ट है. मैं अपनी खूबसूरती की तारीफ सुन-सुनकर तंग आ चुकी थी.