नेताजी सुभाष चंद्र बोस के वंशज सुमंत्र बोस का मानना है कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान नेताजी द्वारा खड़ी की गई आजाद हिंद फौज (आईएनए) पर तिग्मांशु धूलिया द्वारा निर्देशित फिल्म 'रागदेश' का स्वागत मतभेदों के बावजूद सभी लोगों को करना चाहिए। फिल्म के निर्माताओं ने कहा, शनिवार को यह फिल्म निवर्तमान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को दिखाई जाएगी और यह जल्द ही बोस परिवार को भी दिखाई जाएगी।
नेताजी सुभाष के भाई के पड़पोते और अंतर्राष्ट्रीय और समसामयिक राजनीति के विख्यात विशेषज्ञ सुमंत्र बोस ने कहा कि फिल्म की विषयवस्तु को राजनीति से ऊपर उठकर देखा जाना चाहिए।
इस फिल्म पर सेंसरशिप, किसी राजनेता या अन्य समूहों के उठाई जाने वाली किसी भी तरह की आपत्ति की आशंका पर सुमंत्र ने से कहा, 'मुझे बहुत ही आश्चर्य होगा यदि इस कहानी पर किसी को किसी तरह की परेशानी होती है.. यह स्वतंत्रता संग्राम की कहानी है और राजनीतिक दलों की राजनीति से हर प्रकार से ऊपर है...मदभेद होने के बावजूद भारत में इसका सभी के द्वारा स्वागत किया जाना चाहिए।'
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'रागदेश' आजाद हिंद फौज के तीन अधिकारियों कर्नल प्रेम सहगल, शाहनवाज खान और गुरुबख्श सिंह ढिल्लों के खिलाफ लाल किले में चले चर्चित मुकदमे की कहानी पर आधारित है। इस मुकदमे से लोगों में अंग्रेजों के खिलाफ क्रोध और राष्ट्रभक्ति की भावना जगी थी।
राज्यसभा टेलीविजन द्वारा प्रस्तुत फिल्म का निर्माण गुरदीप सिंह सप्पल ने किया है। 'रागदेश' 28 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है।
'रागदेश' में अभिनेता मोहित मारवाह कर्नल प्रेम सहगल के किरदार में, कुणाल कपूर शाहनवाज खान के किरदार में और अमित साध गुरुबख्श सिंह ढिल्लों के किरदार में हैं।
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Source : IANS