अपनी आगामी फिल्म 'ब्लैकबोर्ड वर्सेज व्हाइटबोर्ड' की रिलीज के लिए तैयार अभिनेता रघुबीर यादव का कहना है कि वे फिल्मों में 'चरित्र अभिनेता' नाम के शब्द पर विश्वास नहीं करते. रघुबीर समीक्षकों द्वारा सराही गईं 'लगान', 'पीपली लाइव', 'पीकू', 'बैंडिट क्वीन', 'दिल से.', 'न्यूटन' और 'सुई धागा' जैसी फिल्मों में काम कर चुके हैं.
हाल ही में अच्छी कहानियों वाली फिल्मों में चरित्र अभिनेताओं को मिलती महत्ता के सवाल पर उन्होंने कहा, "मैं चरित्र अभिनेता नाम के शब्द पर विश्वास नहीं करता. मुझे लगता है कि सभी कलाकारों से समान व्यवहार होना चाहिए, चाहे वह किसी फिल्म में बड़ा किरदार करे या छोटा. अगर आप किसी फिल्म से छोटे किरदार हटा देंगे, तो बड़ा किरदार पूरी फिल्म को अपने दम पर नहीं ले जा सकेगा."
उन्होंने कहा कि फिल्म एक सामूहिक प्रयास होती है.
उन्होंने कहा, "पता नहीं लोग कलाकारों को चरित्र अभिनेता की श्रेणी में क्यों रख देते हैं. अगर आपके किरदार में कुछ निश्चित विशेषताएं नहीं हैं तो आप एक निश्चित किरदार कैसे कर रहे हैं? चाहे यह छोटा किरदार हो या बड़ा किरदार, प्रत्येक किरदार की अपनी विशेषता होती है जिसे वह पर्दे पर लाता है."
'ब्लैकबोर्ड वर्सेज व्हाइटबोर्ड' पर उन्होंने कहा, "यह फिल्म हमारे देश की शिक्षा व्यवस्था पर आधारित है. यह शिक्षा तंत्र, विशेष रूप से शिक्षा को महत्ता नहीं देने वाले ग्रामीण क्षेत्र का वर्तमान परिदृश्य प्रदर्शित करती है. ज्यादातर समय बच्चे के परिजन और शिक्षक उसे पढ़ाने में रुचि नहीं दिखाते, वही जीवन की सबसे जरूरी चीज है."
'ब्लैकबोर्ड वर्सेज व्हाइटबोर्ड' में अलिस्मिता गोस्वामी, पंकज झा और अखिलेंद्र मिश्रा भी हैं. तरुण बिष्ट द्वारा निर्देशित फिल्म का निर्माण नूपुर श्रीवास्तव, गिरीश तिवारी और आशुतोष सिंह रतन ने किया है.
Source : IANS