रणदीप हुड्डा (Randeep Hooda) एक शानदार एक्टर हैं. उन्होंने अपनी काबिलियत के बदौलत एक बड़ी पहचान बना ली है. यही वजह है उनके पास काम की कमी नहीं है. एक्टर लंबे समय से घुटने की चोट से जूझ रहे थे, जिससे उनके कई प्रोजेक्ट्स में देरी हो गई है. लेकिन अब उन्होंने अपने काम पर वापसी कर ली है. दिलचस्प बात यह है कि रणदीप की जिम्मेदारियां अब एक एक्टर होने तक ही सीमित नहीं हैं, क्योंकि उन्होंने फिल्म के निर्देशक और निर्माता का पद भी संभाल लिया है, जिसपर उन्होंने बात करते हुए कहा, 'मैं अलगाव में बेहतर काम करता हूं, लेकिन आप इसे केवल एक अभिनेता या लेखक के रूप में कर सकते हैं, निर्देशक के रूप में नहीं.
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यह ऐसा है जैसे मैं पहले एक व्यक्तिगत टेनिस खिलाड़ी था, और फिर उन्होंने मुझे एक फुटबॉल टीम में डाल दिया और मुझे कप्तान बना दिया, और अब मुझे सभी खिलाड़ियों को व्यक्तिगत रूप से टेनिस खेलना चाहिए! एक निर्देशक, लेखक और निर्माता की भूमिकाओं की अदला-बदली लोगों के प्रबंधन में एक बड़ा सबक है क्योंकि अभिनय बहुत ही व्यक्तिवादी है.'
उन्होंने साझा किया कि, 'सावरकर एक निर्देशक, लेखक और निर्माता के रूप में मेरी पहली फिल्म है. मैं इसके बारे में निडर हो रहा हूं. सावरकर पर रिसर्च शुरू करने से पहले मैं उनके बारे में बहुत सी बातें नहीं जानता था. ज्यादातर पुस्तकों ने सशस्त्र क्रांति को केवल दो पैराग्राफ समर्पित किए हैं, जो हमारे स्वतंत्रता संग्राम का भी एक हिस्सा था. व्यापक शोध के माध्यम से हम फिल्म में दिखाएंगे कि उनका वास्तविक योगदान क्या था. मैं यह फिल्म भी आज के युवाओं से जुड़ने के लिए बना रहा हूं. चोट के बाद वापसी करने में रणदीप को कुछ महीने लगे, लेकिन उन्होंने काम पर वापसी कर ली है.