सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड को ड्रग प्रोक्योर करने के आरोप में एनसीबी (NCB) द्वारा हिरासत में ली गईं एक्ट्रेस रिया चक्रवर्ती (Rhea Chakraborty) को जेल में रहने के महीनेभर बाद जमानत पर रिहा किया जाएगा. हालांकि, अभी उनके भाई शोविक चक्रवर्ती को जेल में ही रहना होगा, क्योंकि उन्हें जमानत नहीं मिली है. रिया के वकील सतीश मानेशिंदे ने कहा कि रिया को आज रिहा कर दिया जाएगा.
अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत से जुड़े मामले में मादक-पदार्थों को लेकर आरोपों में गिरफ्तार अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती को बंबई उच्च न्यायालय ने बुधवार को जमानत दे दी और निजी मुचलके के तौर पर एक लाख रुपये जमा करने का निर्देश दिया. न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल की पीठ ने राजपूत के सहयोगी दीपक सावंत और सैमुअल मिरांडा को भी जमानत दे दी, लेकिन रिया के भाई एवं मामले में आरोपी शौविक की जमानत याचिका खारिज कर दी.
अदालत ने कथित मादक पदार्थ तस्कर अब्देल बासित परिहार की याचिका भी खारिज कर दी. अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत से संबंधित मादक पदार्थ मामले की जांच के सिलसिले में स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) ने रिया और उनके भाई को पिछले महीने गिरफ्तार किया था. अन्य आरोपियों को भी मामले की जांच के दौरान एनसीबी ने गिरफ्तार किया था.
उच्च न्यायालय ने रिया चक्रवर्ती को जमानत देते हुए उनसे एनसीबी को अपना पासपोर्ट सौंपने और विशेष एनडीपीएस अदालत की अनुमति के बिना देश के बाहर ना जाने का निर्देश दिया. पीठ ने उनसे एनसीबी की आज्ञा के बिना मुम्बई से बाहर ना जाने और जमानत पर बाहर रहने के दौरान सबूतों के साथ छेड़छाड़ ना करने को भी कहा.
अदालत ने रिया से निजी मुचलके के तौर पर एक लाख रुपये जमा कराने और रिहाई के बाद शुरुआती 10 दिन निकटतम पुलिस थाने में पेश होने का निर्देश भी दिया. अदालत ने कहा कि रिया के अलावा जिन लोगों को जमानत दी गई है, उन्हें भी मुम्बई से बाहर जाने के लिए एनसीबी के जांच अधिकारियों की अनुमति लेनी होगी. एनडीपीएस की विशेष अदालत के जमानत याचिकाएं खारिज करने के बाद रिया और उनके भाई ने उच्च न्यायालय का रुख किया था.
न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल ने अपने फैसले पर स्थगन लगाने का एनसीबी का अनुरोध स्वीकार करने से इनकार कर दिया, ताकि एजेंसी आदेश को चुनौती दे सके. उन्होंने कहा कि मैंने पहले ही जमानत के लिए बड़ी सख्त शर्तें रखी हैं. रिया के वकील सतीश मानशिंदे ने कहा कि वह फैसले से खुश हैं.
उन्होंने कहा कि सत्य और न्याय की जीत हुई है और अंततः तथ्यों और कानूनी प्रस्तुतियों को न्यायमूर्ति सारंग वी कोतवाल द्वारा स्वीकार किया गया. गौरतलब है कि राजपूत (34) इस साल 14 जून को बांद्रा स्थित अपने आवास पर मृत पाए गए थे. बंबई उच्च न्यायालय ने पिछले सप्ताह मामले पर सुनवाई के बाद याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख दिया था. अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह के जरिए एनसीबी ने अदालत में जमानत याचिकाओं को विरोध किया था.
Source : News Nation Bureau