अभिनेता संजय दत्त का कहना है कि जेल में बिताए समय ने उनका अंहकार तोड़ दिया और उन्हें एक बेहतर इंसान बनाया। संजय ने कहा, 'मेरे कैद के दिन किसी रोलर कोस्टर की सवारी से कम नहीं रहे। अगर सकारात्मक पक्ष को देखें तो इसने मुझे बहुत कुछ सिखाया और मुझे एक बेहतर व्यक्ति बनाया।'
उन्होंने कहा, 'अपने परिवार और अपने चाहने वालों से अलग रहना एक चुनौती था। उन दिनों के दौरान मैंने अपने शरीर को अच्छे आकार में रखना सीखा। मैंने वजन और डंबल की जगह कचरे के डिब्बों और मिट्टी के घड़ों का प्रयोग किया। हम हर छह महीने में जेल के अंदर सांस्कृतिक समारोह किया करते थे, जहां मैंने उम्रकैद की सजा काट रहे लोगों को संवाद बोलना, गाना और नाचना सिखाया।'
संजय ने कहा, 'उस मुश्किल दौर में वे लोग मेरा परिवार बन गए थे और जब मैं हार मान लेता था तो वे मुझे प्रोत्साहित करते थे।'
उन्होंने कहा, 'जेल में बिताए समय में मैंने बहुत कुछ सीखा। उसने मेरा अंहकार तोड़ दिया।'
जेल से छूटने के दिनों को याद करते हुए संजय ने कहा, 'अंतिम फैसले के बाद जिस दिन से मैं जेल से छूटा, वह दिन मेरी जिंदगी का सबसे अच्छा दिन था। मैं अपने पिता (सुनील दत्त) को याद कर रहा था। मेरी इच्छा थी कि वह मुझे आजाद हुआ देखें..वह सबसे खुश इंसान होते। हमें हमारे परिवार को कभी भूलना नहीं चाहिए वे हमेशा हमारी ताकत होते हैं।'
संजय दत्त के जीवन पर आधारित फिल्म 'संजू' 29 जून को रिलीज होगी। इसके पहले फिल्म के कई पोस्टर्स और टीजर रिलीज हो चुके हैं। राजकुमार हिरानी द्वारा लिखित और निर्देशित इस बायोपिक फिल्म में रणबीर कपूर, मनीषा कोईराला, परेश रावल, अनुष्का शर्मा, विक्की कौशल, दीया मिर्जा और सोनम कपूर ने काम किया है।
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Source : IANS