संजय लीला भंसाली की देवदास उनकी अब तक की सबसे बेहतरीन कृतियों में से एक मानी जाती है. इसमें शाहरुख खान, ऐश्वर्या राय और माधुरी दीक्षित लीड रोल में थे. एक नए इंटरव्यू में, भंसाली ने उस फिल्म में एक्टर द्वारा दिए गए ओपेरा प्रदर्शन के बारे में बताया और आज के एक्टर के लिए ऐसी अभिनय तकनीक एक चुनौती कैसे हो सकती है. इंटरव्यू के दौरान, जब डायरेक्टर से वर्षों से विकसित हो रही अभिनय प्रक्रिया पर उनके विचारों के बारे में पूछा गया. उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि सिनेमा बदल गया है.
क्या कहा संजय लीला भंसाली ने
इंटरव्यू के दौरान, जब डायरेक्टर से वर्षों से विकसित हो रही एक्टिंग प्रोसेस पर उनके विचारों के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि सिनेमा बदल गया है, तकनीक बदल गई है. अब एक डायरेक्ट सिनेमा को अलग नजरिये से देखता है. स्क्रिन प्ले अलग-अलग तरीके से लिख रहे हैं और डाइवर्स एण्ड अनयुजवल रोल बना रहे हैं. यह भारतीय सिनेमा के लिए बहुत अच्छा समय है. आज बेहतरीन फिल्में बन रही हैं और अद्भुत काम हो रहा है.
परफॉरमेंस करना कठिन था...'
उन्होंने आगे कहा, जिस सुर और जिस स्वर में देवदास का प्रदर्शन किया जा रहा था, वह उच्च स्वर और ऑपरेटिव था. इसे प्रदर्शित करना कठिन था. उन दिनों, डायरेक्ट एक्टरों से वैसा ही बनने की मांग करते थे, लेकिन आज, वे अभिनेताओं से कम अभिनय करने और एक्टिंग करने के लिए कहते हैं, जो अच्छा भी है. शाहरुख खान, ऐश्वर्या राय, माधुरी दीक्षित और किरण खेर ने देवदास में जो किया, वह नोट्स और सुर हैं जिन्हें आज के अभिनेता नहीं कर पाएंगे क्योंकि वे थोड़े अवास्तविक थे और अभिनय तकनीकों की गहरी समझ की मांग करते थे जिसे शाहरुख ने संभाला था.
भंसाली का ओटीटी डेब्यू
देवदास 1917 में शरत चंद्र चट्टोपाध्याय के इसी नाम के उपन्यास पर आधारित थी. इसे जमकर तारीफ मिली और रिलीज़ होने पर यह प्रोफेशनल फोरम से सफल रही. इस बीच, भंसाली को उनके हालिया काम हीरामंडी के लिए प्रशंसा मिल रही है. विभाजन पूर्व युग के दौरान लाहौरमें हीरा मंडी नामक रेड-लाइट जिले पर आधारित, संजय की महान रचना हीरा मंडी में वेश्याओं के जीवन और उस समय के नवाबों के साथ उनके संबंधों का वर्णन करती है. यह सीरीज़ 1 मई को नेटफ्लिक्स में रिलीज़ हुई.
Source : News Nation Bureau