हमेशा खिलकर एक्टिंग करने वाले और पर्दे के पीछे भी उसी उत्साह से जिंदगी बिताने वाले सतीश कौशिक अब इस दुनिया को अलविदा कहकर दूसरी दुनिया में जा चुके हैं. 9 मार्च को उनका अंतिम संस्कार किया गया और वे पंचतत्व में विलीन हो गए. उनके जाने की खबर ने सबके दिलों को गहरा सदमा दिया. उनका परिवार और जिगरी दोस्त तो मानो लुट से गए हैं. अनुपम खेर का चेहरा बता रहा है कि वे उनके लिए कितना मायने रखते थे. उनकी बेटी वंशिका और पत्नी शशि टूट चुकी हैं लेकिन उनकी कमी अब कभी पूरी नहीं हो पाएगी.
असल जिंदगी में तो वह अब कभी लौटकर नहीं आ सकते लेकिन फिल्मी पर्दे पर वह जरूर नजर आएंगे. दरअसल उनके जाने के बाद उनकी फिल्म 'इमरजेंसी' रिलीज होगी. कंगना रनौत के डायरेक्शन में बनी इस फिल्म में सतीश कौशिक रक्षा मंत्री रहे जगजीवन राम के रोल में नजर आएंगे. यह फिल्म इंदिरा गांधी के कार्यकाल के दौरान 1975-76 में लगी इमरजेंसी की कहानी दिखाएगी. इस फिल्म में कंगना इंदिरा गांधी के रोल में हैं. यह फिल्म सतीश कौशिक की आखिर फिल्म होगी. कुछ समय पहले वह रकुलप्रीत के साथ छतरीवाली में दिखे थे. अब उनकी आखिरी फिल्म का फैन्स को बेसब्री से इंतजार है.
कौन थे जगजीवन राम?
जगजीवन राम, स्वतंत्रता सैनानी रहे हैं. उन्हें बाबूजी के नाम से भी जाना जाता था. वे भारत के पहले दलित उप-प्रधानमंत्री और राजनेता थे. 25 जून 1975 को जब इंदिरा गांधी ने देशभर में इमरजेंसी का ऐलान किया था तो जगजीवन राम ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. कांग्रेस से अलग होकर उन्होंने 'कांग्रेस फॉर डेमोक्रेसी' नाम की एक पार्टी बनाई थी. 1977 में जब आम चुनाव हुए तो उन्हें जीत हासिल हुई. इसके बाद जगजीवन राम की पार्टी को जनता पार्टी में शामिल कर लिया गया. साल 1979 में जगजीवन राम का नाम देश के उप-प्रधानमंत्री के रूप में घोषित किया गया. हालांकि एक साल में ही जनता पार्टी के आपसी मनमुटावों के कारण सब बदल गया. साल 1980 में जगजीवन राम ने कांग्रेस (जे) पार्टी बनाई. ऐसे ही वे पॉलिटिकल करियर में आगे बढ़ते रहे. साल 1986 में उन्होंने ने अंतिम सांस ली.