शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण अपनी फिल्म 'पठान' की रिलीज से पहले चल रहे बॉयकॉट ट्रेंड की वजह से चर्चा में आ गए हैं. जिसको लेकर कई नेताओं और हिंदूवादी संगठनों ने अपना विरोध जारी किया है. साथ ही फिल्म में बदलाव करने की मांग की है. इस बीच हाल ही में शाहरुख ने सोशल मीडिया टॉक्सिसिटी और कैंसिल कल्चर पर बात की है. जो इस समय लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है. साथ ही लोगों के अलग-अलग रिएक्शन्स भी सामने आ रहे हैं.
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किंग खान ने ये बातें 28वें कोलकाता इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (KIFF) के उद्घाटन समारोह में कहीं हैं. जिसमें उन्होंने कहा, "सोशल मीडिया अक्सर एक निश्चित नैरेटिव से प्रेरित होता है, जो लोगों के बिहेवियर को उसके आधार तक सीमित करता है... इस विश्वास के विपरीत कि सोशल मीडिया सिनेमा को नकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा, मेरा मानना है कि सिनेमा को अब और भी अहम भूमिका निभानी है."
वो आगे कहते हैं, "मैंने कहीं पढ़ा है कि नकारात्मकता सोशल मीडिया की खपत को बढ़ाती है और इस तरह इसकी कमर्शियल वैल्यू को भी बढ़ाती है. इस तरह के प्रयास कलेक्टिव नैरेटिव को घेरते हैं, जिससे यह विभाजनकारी और विनाशकारी बन जाता है. सिनेमा करुणा, एकता और भाईचारे के लिए मानवता की अपार क्षमता को सामने लाता है. सिनेमा मानव जाति के बारे में बात करने वाली एक प्रति-कथा को बनाए रखने के लिए सबसे अच्छी जगह है."
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एक्टर का कहना है, "काफी समय से हम मिल नहीं पाए, लेकिन दुनिया अब सामान्य होती जा रही है. हम सब खुश हैं और मैं सबसे खुश हूं. मुझे यह कहने में कोई दिक्कत नहीं है कि दुनिया चाहे कुछ भी करे, मैं और आप और दुनिया में सभी सकारात्मक लोग जीवित हैं." शाहरुख के इस बयान पर जहां फैंस उन्हें सपोर्ट कर रहे हैं और कह रहे हैं कि एक्टर ने लोगों को 'पॉजिटिव' रहने का संदेश दिया है. जबकि नेटिजन्स का कहना है कि बॉयकॉट होने के बाद भी एक्टर पर कोई असर नहीं हुआ.
HIGHLIGHTS
- शाहरुख खान ने 'पठान' बॉयकॉट के बाद दिया ये बयान
- कहा- पॉजिटिव लोग हैं जिंदा
- लेकिन नेटिजन्स को चुभा किंग खान का ये स्टेटमेंट