सिद्धार्थ रॉय कपूर ने भारत के पहले चीफ इलेक्शन कमिशन सुकुमार सेन पर बायोपिक बनाने की अनाउंसमेंट की है. मैथमेटिशियन और सिविल सर्वेंट सेन ने भारत को ब्रिटिश उपनिवेश से लोकतांत्रिक गणराज्य बनाने में इम्पॉटेंट रोल प्ले किया था. दुनिया के सबसे बड़े डेमोक्रेटिक प्रैक्टिस को व्यवस्थित करने का काम सौंपे जाने के बाद सेन ने 565 रियासतों और नए राज्यों में फैले 175 मिलियन लोगों के कॉसटेंसी मैनेजमेंट किया. भारत के पहले चीफ इलेक्शन कमिशन सुकुमार सेन के लाइफ पर बायोपिक बनाने की अनाउंमेंट की गई है.
चीफ इलेक्शन कमिशन सुकुमार सेन पर बनेगी बायोपिक
सोमवार को प्रोडक्शन बैनर रॉय कपूर फिल्म्स ने ट्रिकीटेनमेंट मीडिया के साथ मिलकर कहा कि उन्होंने सुकुमार सेन के जीवन पर बायोपिक बनाने के अधिकार हासिल कर लिए हैं. विशेष रूप से, इस प्रोजेक्ट की घोषणा मंगलवार को 18वें आम चुनाव की मतगणना से एक दिन पहले हुई है. वैराइटी के अनुसार, यह प्रोजेक्ट 1951-52 में भारत के पहले आम चुनावों के पीछे के वास्तुकार सेन के जीवन को दर्शाएगी. सुकुमार सेन के बारे में मैथमेटिशियन और सिविल सर्वेंट सेन ने भारत को ब्रिटिश उपनिवेश से लोकतांत्रिक गणराज्य में बदलने में इम्पॉटेंट रोल निभाई.
सेन ने 565 रियासतों और नए बने राज्यों को संभाला
दुनिया की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक प्रक्रिया को संगठित करने का काम सौंपे जाने के बाद सेन ने 565 रियासतों और नवगठित राज्यों में फैले 175 मिलियन लोगों के कॉसटेंसी मैनेजमेंट किया. सेन की कहानी को बड़े पर्दे पर लाने पर सिद्धार्थ रॉय कपूर सेन की कहानी को पर्दे पर लाने पर सिद्धार्थ रॉय कपूर ने कहा, "हमें अपने राष्ट्रीय नायकों में से एक सुकुमार सेन की अविश्वसनीय कहानी को जीवंत करने पर बहुत गर्व है, जिन्होंने भारत के लोकतांत्रिक इतिहास को आकार देने में इम्पॉटेंट रोल निभाई.
सुकुमार सेन के पोते ने की मेकर्स की सराहना
सुकुमार सेन के पोते संजीव सेन ने कहा कि एक राष्ट्र के रूप में भारत की सबसे बड़ी सफलताओं में से एक उसका सफल लोकतंत्र रहा है. सभी लोकतंत्रों की नींव स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव हैं और इस जीवंत चुनावी प्रक्रिया की नींव रखने का श्रेय सुकुमार सेन को जाना चाहिए, जो मेरे दादा और स्वतंत्र भारत के पहले चीफ इलेक्शन कमिशन थे. मैं फिल्म मेकर्स को इस महान राष्ट्र के एक गुमनाम नायक की अनकही कहानी को दिखाने में सफलता की कामना करता हूं.
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नए एग्जिट पोल में शानदार प्रदर्शन की भविष्यवाणी के बाद भाजपा आशावादी... लेख-छवि सेन के दूसरे पोते देबदत्त सेन ने भी प्रोजेक्ट के बारे में अपने विचार साझा किए. उन्होंने कहा, यह हमारे देश के लोगों को एक नोटेबल इंसान और उनकी उपलब्धियों से अवगत कराने का एक सराहनीय प्रयास है. मीडिया के रोमांचक अरोड़ा ने कहा कि सेन की कहानी मोनुमेंट्स एंड ड्रामेटिक मोमेंट्स से भरी हुई है जो मतदान के अधिकार का प्रयोग करने वाले सभी भारतीय नागरिकों के साथ प्रतिध्वनित होगी. अरोड़ा ने कहा, "73 वर्षों के बाद लिखी गई यह कहानी देश भर की सभी पीढ़ियों के लिए अवश्य देखने योग्य है."
Source(News Nation Bureau)