SMA टाइप - 1 नाम की दूर्लभ बीमारी से पीड़ित 8 महीने के मासूम अन्मय को तमाम लोगों की तरफ से मदद मिल रही है. इस बीमारी का टीका 16 करोड़ का है, जो सिर्फ अमेरिका में उपलब्ध है. आज हम आपको यूपी के सुल्तानपुर के अन्मय की कहानी बताएंगे. जिसे जानकर शायद आपकी आंखों में आंसू आ जाएंगे. स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफ़ी टाइप - 1 यानी ( SMA टाइप- 1) नाम की एक दुर्लभ बीमारी से पीड़ित सुल्तानपुर के अन्मय को लोगों की दुआओं और मदद की जरूरत है. बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद ने भी लोगों से मदद की अपील की है.
आमतौर पर नवजात बच्चे 6-7 महीने में खुद बैठना और 6-10 महीने में घुटने के बल चलना सीख जाते हैं. लेकिन फरवरी 2022 को जन्मा अन्मय 8 महीने का होने के बाद भी ऐसा नहीं कर पाता है. अन्मय को वो बीमारी (SMA) है, जो करीब 10 हजार में से किसी एक बच्चे को ही होती है. जब अन्मय का जन्म हुआ, उस समय अन्मय के इस बीमारी से पीड़ित होने की जानकारी न तो उसके माता-पिता को थी और न ही डॉक्टरों को. लेकिन जब अन्मय 3 महीने का हुआ, तब वह दूसरे बच्चों की तरह ठीक से हाथ-पैर नहीं हिला पाता था. इसके साथ ही इस मासूम की त्वचा और हड्डियां भी कमजोर होने लगीं थीं. पहले अन्मय के परिवार को लगा कि ऐसा नॉर्मली होता है. लेकिन जब अन्मय की मां और पिता को पता चला कि उनके बच्चे को SMA बीमारी है, जिसका टीका 16 करोड़ का है. इसके ना लगने पर उसकी जान भी जा सकती है तो वो टूट गए.
कई स्टडिज़ और मेडिकल एक्सपर्ट्स का ऐसा मानना है कि यह एक जेनेटिक बीमारी है. इस बीमारी में शरीर में प्रोटीन बनाने वाला जीन नहीं होता. इस वजह से शरीर के हिस्सों में प्रोटीन नहीं पहुंच पाता. साथ ही दिमाग का शरीर की मांसपेशियों पर नियंत्रण नहीं रह जाता. इसे ही स्पाइनल मस्क्यूलर एंट्रॉफी टाइप - 2 कहा जाता है.
IMA के पूर्व सदस्य और पीडियाट्रिक डॉक्टर सुनील सिंघल ने इस बारे में जानकारी दी. जिसमें उन्होंने बताया, SMA जैसी दुर्लभ बीमारी का zolgensma नामक टीका अमेरीका बना चुका है. इसके टीके से पहला इलाज अमेरीका में ही साल 2019 में हुआ था. लेकिन इस प्यारी सी मुस्कान को नहीं पता कि अगर इसे zolgensma का टीका नहीं मिला तो इसकी जान जा सकती है. इस टीके की कीमत 16 करोड़ रुपये है. इसके अमेरीका से आने की वजह से 10 करोड़ की इम्पोर्ट ड्यूटी भी लगती है. एक माध्यम वर्गीय परिवार से आने वाले अन्मय के माता-पिता के लिए इतनी बड़ी रकम चुकाना नामुमकिन है. अन्मय के पिता सुल्तानपुर में एक बैंक कर्मी हैं, जबकि उनकी पत्नी गृहणी हैं. पैसे न इकठ्ठे होने की वजह से इस मासूम के माता पिता परेशान जरूर हैं. लेकिन उन्होंने अपने बेटे को जिंदा रखने की उम्मीद नहीं छोड़ी है. इन्होंने क्राउड फंडिंग और कई एनजीओ की मदद से पैसा इकठ्ठा करने की एक कोशिश की है. क्राउड फंडिंग के जरिये अबतक अन्मय के पेरेंट्स को करीब 2 करोड़ की मदद मिल चुकी है लेकिन अभी भी 14 करोड़ रुपये बाकी हैं, जो एक बड़ी रकम है.
Thankyou so much sir for your support🙏 @SonuSood@SoodFoundation #saveanamay #savefamily pic.twitter.com/jD3rLX3oGk
— Muskan Srivastava (@MuskanSmile119) September 7, 2022
सोशल मीडिया और एनजीओ की मदद के अलावा मुसीबत में लोगों की सेवा करने वाले एक्टर सोनू सूद भी अन्मय की आर्थिक तौर पर मदद कर चुके हैं. साथ ही वो लोगों से अपील कर रहे हैं कि और भी लोग इनकी मदद करें.