रुपहले पर्दे पर श्रीदेवी का जैसा अभिनय था असल जिंदगी में श्रीदेवी उतना ही जिंदादिल इंसान थी। उनकी जिंदादिली के कारण ही एक दिव्यांग युवक उत्तर प्रदेश के हाथरस से मुंबई उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचा।
उल्लेखनीय है कि बॉलीवुड की 'चांदनी' ने कुछ सालों पहले आंखों से दिव्यांग युवक के भाई की 2 लाख रुपये की मदद की थी।
8 साल पहले दिव्यांग जतिन वाल्मीकि के छोटे भाई का मुंबई में ब्रेन ट्यूमर का आपरेशन हुआ जिसमें 2 लाख रुपये का खर्च था। जिसके बाद जतिन किसी तरह श्रीदेवी से मिलने में कामयाब हुआ और उनसे मदद की गुहार लगाई थी।
युवक की मदद की मांग पर उसी वक्त श्रीदेवी ने 1 लाख रुपये की मदद की और बाकी के 1 लाख रुपये उन्होंने डॉक्टर से बात कर माफ करवा दी।
जतिन वाल्मिकी ने कहा, 'उनकी वजह से आज मेरा भाई जिंदा है। मेरे भाई के ब्रेन ट्युमर के ऑपरेशन के लिए श्रीदेवी ने मदद की थी। 8 साल पहले उन्होंने मुझे 1 लाख रुपये की मदद की थी और अस्पताल से 1 लाख रुपये माफ भी करवाई थी।'
जतिन ने कहा, 'मैं उनके लिए कुछ नहीं कर सकता हूं, लेकिन मैं कम से कम उनकी अंतिम यात्रा में तो शामिल हो सकता हूं।'
उसी एक एहसान के तले दबे जतिन को जब पता चला कि श्रीदेवी नही रही तो वे आँखों से दिव्यांग होते हुए भी उत्तर प्रदेश के हाथरस से मुंबई श्रीदेवी को श्रद्धांजलि देने आ गए।
श्रीदेवी का पार्थिव शरीर मुंबई के लोखंडवाला स्थित उनके घर पहुंच गया है। सुबह 9.30 से 12.30 बजे तक लोग अंतिम दर्शन करेंगे। मंगलवार को उन्हें एक निजी विमान से रात 10 बजे के करीब मुंबई लाया गया था।
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Source : News Nation Bureau