एसएस राजामौली (SS Rajamouli) की फिल्म आरआरआर (RRR) ने बॉक्स ऑफिस पर कमाल की सफलता प्राप्त की थी. फिल्म की कई हॉलीवुड लेखकों और फिल्म निर्माताओं ने खूब तारीफ की. हालांकि, फिल्म ने ब्रिटेन में कुछ लोगों को नाराज भी किया क्योंकि इसमें ब्रितानियों को बुरे लोगों के रूप में दिखाया गया था. फिल्म ने इन आलोचनाओं के बावजूद ब्रिटेन में लोकप्रियता हासिल की, उनके दर्शकों ने इसे एक कहानी के तौर पर देखा साथ ही इतिहास से सबक भी लिया. 1920 का दशक, जब भारत ब्रिटिश राज के अधीन था, फिल्म आरआरआर में उसी से जुड़ी कहानी को दिखाया गया है.
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आपको बता दें, राजामौली (SS Rajamouli) ने अमेरिका में फिल्म (RRR) की स्क्रीनिंग के बाद एक इंटरव्यू के दौरान चर्चा की कि ब्रिटेन में आरआरआर को कितना पसंद किया गया था. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, फिल्म निर्माता ने कहा कि 'फिल्म की शुरुआत में आप डिस्क्लेमर कार्ड देखते हैं. अगर आप इसे याद करते हैं, तो भी यह इतिहास का सबक नहीं है. यह एक कहानी है. आम तौर पर दर्शक इसे समझते हैं. अगर एक ब्रिटिश है खलनायक की भूमिका निभाते हुए, वे समझते हैं कि मैं यह नहीं कह रहा हूं कि सभी ब्रिटिश खलनायक हैं. अगर मेरे नायक भारतीय हैं, तो वे समझते हैं कि सभी भारतीय नायक हैं.'
बता दें, राजामौली (SS Rajamouli) ने आगे कहा, 'इस फिल्म में, एक विशेष व्यक्ति एक खलनायक है और एक विशेष व्यक्ति नायक है. वे स्वचालित रूप से समझते हैं. वे हर चीज के बारे में जानकार नहीं हो सकते हैं लेकिन उनकी भावनात्मक बुद्धि बहुत अधिक है. ' फिल्म की बात की जाए तो खबर आ रही है कि आरआरआर को ऑस्कर के लिए चुना जा सकता है, जो फिल्म लगान (2001) के बाद ऐसा करने वाली पहली भारतीय फिल्म होगी.