राजू श्रीवास्तव (Raju Srivastava) का निधन 21 सितंबर को हुआ है. उनके जाने की खबर से हर कोई टूट गया है. आज हम उनके जीवन के उस क्षण के बारे में बात करेंगे जो उन्होंने बड़े ही मुश्किल से गुजारे थे. तो चलिए जानते हैं- राजू श्रीवास्तव (Raju Srivastava) का जन्म कानपुर में एक कवि के घर में हुआ था. राजू को शुरूआती दिनों से ही हंसाने का शौक था. उन्होंने जो मुकाम हासिल किया है वो हर किसी के लिए आसान बात नहीं है. 1988 में अपने सपनों को पूरा करने के लिए कॉमेडियन मुंबई पहुंच गए थे. लेकिन उनका सफर इतना आसान नहीं था. उन्हें जॉनी लीवर जैसे बड़े कॉमेडियन के आगे काम मिलना थोड़ा मुश्किल हो रहा था. क्योंकि उस दौर में लोगों के बीच सिर्फ जॉनी वाकर और जॉनी लीवर की कॉमेडी का क्रेज था. लेकिन कहते हैं ना अगर आपमें जज्बा हो तो आप कुछ भी हासिल कर सकते हो.
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ऐसा ही कुछ राजू श्रीवास्तव (Raju Srivastava) के साथ हुआ था. एक मीडिया संस्थान को दिए गए इंटरव्यू में राजू ने बताया था कि जब वह मुंबई पहुंचे, उस वक्त लोग कॉमेडियन को बड़ा कलाकार नहीं समझा जाता था. उस वक्त कॉमेडी जॉनी वाकर से शुरू होकर जॉनी लीवर पर खत्म हो जाती थी. काम नहीं मिलने पर उन्हें भी पैसों की तंगी रहती थी. खर्च चलाने के लिए उन्होंने ऑटो चलाया.
आपको बता दें कि राजू श्रीवास्तव (Raju Srivastava) ने बताया था कि वो ऑटो में सफर कर रहे लोगों को जोक सुनाकर हंसाते थे. बदले में उन्हें किराये के साथ टिप भी मिल जाया करती थी. फिर एक दिन ऑटो में बैठी एक सवारी के बताने पर उन्हें स्टैंड अप कॉमेडी के लिए ब्रेक मिला. कई साल स्ट्रगल के बाद उन्हें शो मिलने शुरू हो गए. उस समय मेहनताने के रूप में 50 रुपये मिलते थे. कॉमेडियन के स्ट्रगल के दिनों में वह बर्थ डे पार्टी में जाकर 50 रुपये के लिए भी कॉमेडी किया करते थे. अगर लाफ्टर चैलेंज से उन्हें पहचान न मिलती तो आज कहानी कुछ और ही होती. बताते चलें कि द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज में राजू श्रीवास्तव नजर आए थे, जिसमें वो कोविनर भी रह चुके हैं. इस शो में उन्होंने गजोधर भैया का किरदार निभाया था. उनका यह किरदार घर-घर में छाया हुआ था.