शिक्षण संस्थान 'सुपर 30' के संस्थापक और गणितज्ञ आनंद कुमार के जीवन संघर्ष पर बनी फिल्म 'सुपर 30' शुक्रवार को भारत सहित 70 से अधिक देशों में रिलीज हुई. रिलीज होने के बाद अपने संघर्ष की कहानी रूपहले पर्दे पर देख भावुक आनंद कहते हैं कि यह एक सपने जैसा है. उन्होंने इस फिल्म को अपने सभी शुभचिंतकों को समर्पित करते हुए कहा कि जीवन में खुद संघर्ष कर दूसरे को संघर्षशील बनाने की प्रेरणा देने वाले की जीवन यात्रा की यह कहानी है.
उन्होंने फिल्म के रिलीज होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि वह खुद 'ब्रेन ट्यूमर' जैसी बीमारी से जूझ रहे हैं.
आनंद ने कहा कि संघर्ष के अलावा सफलता की कोई सीढ़ी नहीं होती. इसके लिए उन्होंने अपने बच्चों का उदाहरण देते हुए कहा कि सुपर 30 के बच्चे काफी मेहनत करते हैं और वे अपनी मेहनत के जरिए सफलता पाते हैं. वह तो केवल उन छात्रों का मार्गदर्शन करते हैं.
फिल्म के विषय में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "अभी तक जो सूचना मिल रही है, उसके अनुसार लोग इस फिल्म को पसंद कर रहे हैं. सभी सिनेमा घरों में 'हाउसफुल' है. बच्चे, युवा, बुजुर्ग, महिलाएं सभी इस फिल्म को पसंद कर रहे हैं. कई लोग तो सिनेमाघरों में रोए जा रहे हैं." उन्होंने सभी कलाकारों के अभिनय को सराहा.
आनंद अपनी सफलता का श्रेय अपने छोटे भाई प्रणव को देते हुए कहते हैं, "बहुत कम उम्र में पिताजी को खो देने के बाद हम दोनो भाई एक-दूसरे का सहारा बने. प्रणव हर सुख-दुख की घड़ी में मेरे साथ खड़ा रहा. मेरे कारण उसे कई बार बड़ी कीमत भी चुकानी पड़ी, परंतु वह अपने भाईप्रेम में पीछे नहीं हटा." उन्होंने इस मौके पर अपने पिताजी और मां को भी याद किया.
आनंद पटना में गरीब बच्चों की मेधा तराश कर उन्हें आईआईटी में प्रवेश परीक्षा के लिए तैयार करते हैं. इसके लिए वह 'सुपर 30' नामक कोचिंग संस्थान चलाते हैं. उनके प्रयासों से रिक्शा चलाने वाले, मोची का काम करने वाले, गैराज में काम करने वालों तक के बच्चे आईआईटी में प्रवेश पा चुके हैं.
यह फिल्म आनंद के जीवन व उनके इसी कोचिंग संस्थान को केंद्र में रखकर बनाई गई है. फिल्म में आनंद का किरदार ऋतिक रौशन ने निभाया है, जबकि इसके निर्देशक विकास बहल हैं. इस फिल्म में सुपर 30 के छात्र ने भी अभिनय किया है. इस फिल्म में मृणाल ठाकुर, आदित्य श्रीवास्तव, नंदिश सिंह भी अलग-अलग भूमिकाओं में हैं.
Source : IANS