रजनीकांत की 'काला' को सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी, कल ही रिलीज़ होगी फिल्म

मेगास्टार रजनीकांत के फैंस के लिए एक खुशखबरी है। रजनीकांत की 'काला' की रिलीज़ को लेकर कुछ दिनों पहले सस्पेंस बना हुआ था।

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ruchika sharma
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रजनीकांत की 'काला' को सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी, कल ही रिलीज़ होगी फिल्म

रजनीकांत की 'काला

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मेगास्टार रजनीकांत के फैंस के लिए एक खुशखबरी है। रजनीकांत की 'काला' की रिलीज़ को लेकर कुछ दिनों पहले सस्पेंस बना हुआ था। सुप्रीम कोर्ट ने 'काला' की रिलीज़ का रास्ता साफ़ करते हुए इसे हरी झंडी दे दी है। रजनीकांत की 'काला' सात जून को सिनेमाघरों में दस्तक देगी

सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म पर स्टे लगाने से मना कर दिया। जस्टिस एके गोयल और अशोक भूषण की बेंच ने केएस राजशेखरन की याचिका को ख़ारिज कर दिया। राजशेखरन ने फिल्म पर स्टे लगाने की मांग की थी।

इस याचिका को ख़ारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'हर कोई फिल्म की रिलीज़ का इंतज़ार कर रहा है।'

मई 16 को मद्रास हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

इस मामले पर रजनीकांत ने कहा, 'निर्माता कोशिश कर रहे हैं, फिल्म जरूर रिलीज़ होगी। 

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कमल हासन ने कहा, 'कर्नाटक में 'विश्वरूपम' पर भी बैन लगाया गया था।बहुत से फैंस रजनी की फिल्म की रिलीज़ का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे है।'

गौरतलब है कीई रजनीकांत ने कहा था जो भी सरकार आये, उसे कावेरी जल बंटवारे पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करना चाहिए।

इससे पहले फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया ने 'साउथ इंडियन फिल्म चैम्बर ऑफ कॉमर्स' (एसआईएफसीसी) से कर्नाटक में रजनीकांत की फिल्म 'काला' को जल्द रिलीज करने का अनुरोध किया था।

कर्नाटक फिल्म चैम्बर ऑफ कॉमर्स (केएफसीसी) ने कर्नाटक में 'काला' की रिलीज की इजाजत नहीं दी थी।

कर्नाटक HC ने दखल देने से किया इंकार

कनार्टक हाईकोर्ट ने साउथ सुपर स्टार रजनीकांत की फिल्म 'काला' पर बैन लगाने से इंकार कर दिया था। हाईकोर्ट के जस्टिस जी नरेंद्र ने सरकार को आदेश दिया है कि जिन थियेटर में 'काला' फिल्म का प्रदर्शन हो उन्हे उचित सुरक्षा प्रदान की जाए।

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क्या है कावेरी जल विवाद?

सुप्रीम कोर्ट ने 16 फरवरी को कावेरी जल में तमिलनाडु का हिस्सा घटाकर 177.25 अरब घनफुट (टीएमसी) कर दिया है जो 2007 में अभिकरण की ओर आवंटित 192 अरब घनफुट से कम है। कर्नाटक का हिस्सा 14.75 अरब घनफुट बढ़ा दिया गया है।

इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने 16 फरवरी के आदेश के छह हफ्ते के अंदर कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड के गठन के लिए कहा था। इसका गठन नहीं हुआ और केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इस बोर्ड को लेकर कुछ स्पष्टीकरण मांगा है। तमिलनाडु के राजनीतिक दल और सामाजिक संगठन केंद्र पर कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड बनाने का दबाव डाल रहे हैं।

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Source : News Nation Bureau

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