बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) के कथित सुसाइड के रहस्य को उजागर करने की क्षमता रखने वाले फोरेंसिक (Forensic) विशेषज्ञों की 'मेडिको लीगल ओपिनियन', पूछताछ रिपोर्ट और क्राइम सीन से संबंधित चीजों में कुछ विसंगतियों होने का संकेत मिला है. अपराध स्थल या क्राइम सीन का गहन परीक्षण, जिसमें सुशांत का बेडरूम और डुप्लेक्स फ्लैट शामिल है, जहां बॉलीवुड स्टार ने कथित रूप से आत्महत्या (Suicide) की थी और ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIMS) के फोरेंसिक विशेषज्ञों द्वारा कारण का पता लगाने के लिए शव परीक्षण आयोजित किया गया है.
एम्स में फोरेंसिक मेडिसिन एंड टॉक्सिकोलॉजी विभाग में उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि सुशांत सिंह राजपूत की रहस्यमय मौत पर इसकी विशेषज्ञ टीम के निष्कर्ष निश्चित रूप से प्रकाश डालेंगे. सूत्र ने कहा, यदि एक जांच रिपोर्ट, जो उन परिस्थितियों के बारे में महत्वपूर्ण विवरण देती है, जिसमें किसी की मृत्यु हुई है, उसमें कुछ विसंगतियां हैं, तो यह एक महत्वपूर्ण खोज हो सकती है. हालांकि जैसे कि मामला अदालत में विचाराधीन है, विशिष्ट फोरेंसिक निष्कर्षों को साझा नहीं किया जा सकता है.
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एम्स में फोरेंसिक मेडिसिन एंड टॉक्सिकोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. सुधीर गुप्ता ने भी कहा कि जो निर्णायक निष्कर्ष हैं, उन्हें केवल सीबीआई के साथ साझा किया जाएगा. डॉ. गुप्ता ने कहा, इस स्तर पर मैं केवल यह कह सकता हूं कि मेडिकल बोर्ड की राय सभी संदेहों (स्टार की रहस्यमयी मौत से संबंधित) को स्पष्ट कर देगी. डॉ. गुप्ता ने शव परीक्षण में चूक, फोरेंसिक जांच या विसंगतियों की प्रकृति पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
सुशांत की मौत पर निर्णायक राय रखने वाले विसरा टेस्ट के नतीजे भी एम्स की टीम अगले हफ्ते की शुरूआत में सीबीआई अधिकारियों के साथ साझा करेगी. एम्स के फोरेंसिक विशेषज्ञों को प्रारंभिक जांच में चूक पर मुख्य रूप से फोरेंसिक पहलुओं की जांच करने के लिए सीबीआई की ओर से अनुरोध किया गया था. अपराध स्थल पर किसी भी सबूत के साथ छेड़छाड़ या मुंबई पुलिस द्वारा की गई किसी भी चूक या पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों के पैनल ऐसे प्रमुख क्षेत्र रहे, जहां फोरेंसिक टीम ने गहन जांच के आधार पर जानकारी जुटाई है.
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एम्स के विशेषज्ञों को दिल्ली से मुंबई तक फोरेंसिक से संबंधित घटनाओं और दस्तावेजों की जांच एवं मूल्यांकन करने के लिए भेजा गया है. इससे पहले मुंबई के दो फोरेंसिक सर्जन डॉ. शिव कुमार कोले और डॉ. सचिन सोनवणे सहित डॉक्टरों की एक टीम ने कूपर अस्पताल में 15 जून को सुशांत का शव परीक्षण किया था, जिसमें यह निष्कर्ष निकला था कि फांसी लगने से सुशांत की मृत्यु हुई है. अपनी शव परीक्षा रिपोर्ट में पांच डॉक्टरों के पैनल ने किसी भी तरह की लापरवाही, चूक या बेईमानी का कोई संकेत नहीं दिया था. उन्होंने सुशांत की हत्या किए जाने के संदेह पर भी ऐसे कोई लक्षण नहीं दिखने की बात कही थी.
हालांकि एम्स की टीम की ओर से सभी फोरेंसिक जांच की फिर से जांच बहुत हद तक साफ तस्वीर साफ कर देगी कि 14 जून को बांद्रा के उस फ्लैट में क्या हुआ था, जहां सुशांत मृत पाए गए थे. इस बीच सीबीआई के सूत्रों ने कहा कि एक बार सभी दस्तावेजों, केस डायरी, गवाहों के बयानों का अध्ययन कर लिया जाएगा तो एजेंसी किसी निष्कर्ष पर पहुंचेगी. इसके बाद अगर किसी भी बाहरी व्यक्ति की सुशांत की मौत मामले में संलिप्तता होगी तो उसका पता लगाया जा सकेगा. एक अधिकारी ने कहा, सीबीआई संवेदनशील मामलों को संभालने के लिए जानी जाती है. हम दबाव में नहीं आते हैं. हम खुले दिमाग से मामले की जांच कर रहे हैं. सुशांत सिंह की हत्या हुई या उन्होंने आत्महत्या की, दस्तावेजी और फोरेंसिक सबूतों से यह बात स्पष्ट हो जाएगी.