फरवरी में ही मुंबई पुलिस को मिल गई थी रिया चक्रवर्ती की शिकायत, इस पुलिस अधिकारी ने किया खुलासा
पुलिस उपायुक्त परमजीत सिंह दहिया एक अप्रैल तक बांद्रा के जोनल पुलिस प्रमुख थे. दहिया ने कहा कि सिंह ने उन्हें कहा था कि सुशांत सिंह राजपूत के परिवार को लगता है कि रिया अभिनेता को 'नियंत्रित' कर रही है और वह उसे अभिनेता की जिंदगी से बाहर करना चाहते है
मुंबई पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दावा किया है कि सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) के जीजा एवं भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी ने उन्हें अभिनेता की गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती (Rhea Chakraborty) को पुलिस थाने बुलाने और उस पर दबाव बनाने को कहा था. पुलिस उपायुक्त परमजीत सिंह दहिया ने एक टीवी चैनल को बताया कि राजपूत के जीजा एवं हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ओ. पी. सिंह ने इस साल फरवरी में उनसे यह अनुरोध किया था. अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत (34) उपनगरीय बांद्रा स्थित अपने अपार्टमेंट में 14 जून को मृत मिले थे. दहिया ने कहा, 'सिंह ने मुझे रिया चक्रवर्ती को अनौपचारिक तरीके से पुलिस थाने में बुलाने और उस पर दबाव बनाने को कहा था.'
पुलिस उपायुक्त परमजीत सिंह दहिया एक अप्रैल तक बांद्रा के जोनल पुलिस प्रमुख थे. दहिया ने कहा कि सिंह ने उन्हें कहा था कि सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) के परिवार को लगता है कि रिया अभिनेता को 'नियंत्रित' कर रही है और वह उसे अभिनेता की जिंदगी से बाहर करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि अभिनेता के परिवार ने कोई लिखित शिकायत नहीं की थी. ओ. पी. सिंह ने 18 और 25 फरवरी को व्हाट्सएप पर संदेश भेज अनौपचारिक तौर पर अनुरोध किया था. डीसीपी ने कहा कि सिंह पांच फरवरी को मुम्बई आए थे और उनसे राजपूत को उनके मुम्बई में होने की जानकारी देने को कहा. उन्होंने मिरांडा नाम के एक व्यक्ति को बिना किसी शिकायत या जांच के पुलिस हिरासत में रखने का अनुरोध भी किया था.
डीसीपी ने कहा कि उन्होंने सिंह से 'विनम्रता एवं दृढ़ता' से कहा कि उनके लिए किसी को पुलिस थाने बुलाना और उसे हिरासत में रखना मुमकिन नहीं है क्योंकि यह कार्यप्रणाली के विरुद्ध है. दहिया ने कहा कि उन्होंने सिंह से शिकायत दर्ज करने को कहा था ताकि मामले की जांच की जा सके. उन्होंने कहा कि इस मामले में लिखित शिकायत नहीं की गई. सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) के पिता के. के. सिंह ने एक वीडियो जारी करते हुए कहा था उन्होंने 25 फरवरी को मुम्बई पुलिस को आगाह किया था कि उनके बेटे की जान को खतरा है. मुम्बई पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह ने सोमवार को कहा था कि परिवार ने पूछताछ के दौरान कोई संदेह व्यक्त नहीं किया था. शहर की पुलिस ने 16 जून को परिवार के बयान दर्ज किए थे. उन्होंनेख कहा, 'उन्होंने तब कोई संदेह व्यक्त नहीं किया था और जांच में कोताही की कोई शिकायत भी नहीं की थी.'