अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत (Sushant Singh Rajput Case) से जुड़े मादक पदार्थ मामले में गिरफ्तार अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती (Rhea) ने बंबई उच्च न्यायालय में दायर जमानत याचिका में कहा है कि वह निर्दोष हैं और मादक पदार्थ नियंत्रण (एनसीबी) 'जान-बूझ कर' उन पर और उनके परिवार पर गंभीर आरोप लगा रहा है. उन्होंने कहा कि वह 'विच हंट' (संदिग्ध व्यक्तियों की तलाश अभियान) का शिकार हुई हैं.
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उच्च न्यायालय में मंगलवार दायर जमानत याचिका में चक्रवर्ती ने कहा है कि वह सिर्फ 28 साल की हैं और एनसीबी के जांच के अलावा, वह साथ ही साथ पुलिस और केंद्रीय एजेसियों की तीन जांच और 'समानांतर मीडिया ट्रायल' का सामना कर रही हैं. वह राजपूत मामले में मुंबई पुलिस, सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की जांचों का हवाला दे रही थीं. चक्रवर्ती ने कहा कि यह सब उसके, 'मानसिक स्वास्थ्य और सेहत पर बुरा असर डाल रहा है.' उन्होंने अपने वकील के माध्यम से दायर याचिका में कहा है कि हिरासत की अवधि बढ़ने से उनकी मानसिक स्थिति और भी बिगड़ जाएगी.
न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल की एकल पीठ के समक्ष बुधवार को वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से चक्रवर्ती की जमानत याचिका पर सुनवाई होनी थी. परंतु, मुंबई में भारी बारिश की वजह से उच्च न्यायालय ने बुधवार की कार्यवाही स्थगित कर दी और अब इन पर बृहस्पतिवार को सुनवाई होने की संभावना है. चक्रवर्ती ने आगे अपनी याचिका में कहा है कि राजपूत मादक पदार्थ खास तौर पर गांजा का सेवन करते थे, और वह तबसे इसका सेवन कर रहे थे जब वे दोनों संबंध में भी नहीं थे. उन्होंने कहा कि कभी-कभी वह उनके लिए 'कम मात्रा में' मादक पदार्थ की खरीद भी करती थीं और 'कई अवसरों पर उन्होंने इसके लिए भुगतान भी किया.' लेकिन वह खुद किसी भी मादक पदार्थ गिरोह की सदस्य नहीं हैं.
उन्होंने कहा कि सिर्फ राजपूत ही मादक पदार्थ का सेवन करते थे. याचिका में कहा कि आवेदक (चक्रवर्ती) निर्दोष हैं और उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है. उन्होंने याचिका में कहा कि वह 'विच-हंट' का शिकार हुई हैं क्योंकि सीबीआई और ईडी उनके खिलाफ सबूत जुटाने में असफल रहा और एनसीबी को, उन्हें और उनके परिवार को फंसाने के लिए लाया गया. चक्रवर्ती पर एनसीबी ने कई आरोपों के लिए मामला दर्ज किया है, इसमें मादक पदार्थ की अवैध तस्करी का वित्तपोषण करना भी शामिल है.
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नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटांस (एनडीपीएस) अधिनियम की धारा 27-ए के तहत मामला दर्ज किया गया है और यह धारा आरोपी को जमानत देने पर पर रोक लगाता है. अभिनेत्री ने कहा कि उन्हें एनडीपीएस अधिनियम की धारा 27-ए के तहत गलत तरीके से फंसाया गया है. और जब उनके पास से कोई मादक पदार्थ जब्त नहीं किया गया और एनसीबी सभी आरोपी के पास से सिर्फ 59 ग्राम मादक पदार्थ जब्त करने में सफल रही तो जमानत पर रोक लगाने का नियम उन पर लागू नहीं होता है.
अभिनेत्री ने कहा कि उनकी जमानत पर तब रोक लगाई जाती जब कारोबारी मात्रा में उनके पास से मादक पदार्थ जब्त होता. पिछले सप्ताह न्यायमूर्ति कोतवाल के सामने इसी तरह का तर्क सैमुअल मिरांडा और दीपेश सावंत के वकीलों ने दिया था। ये सभी इस मामले में सह आरोपी हैं.
Source : Bhasha