भारतीय सिनेमा ने दुनिया भर में एक अलग पहचान बनाई. और इस सिनेमा के बेहतरी के लिए कई फिल्म निर्देशक ने अपना योगदान भी दिया. जिनमें से एक सत्यजीत रे (Satyajit Ray)भी हैं. आज फिल्म निर्देशक सत्यजीत रे की 101वीं जयंती है. निर्देशक (Satyajit Ray)का जन्म 2 मई 1921 को हुआ था. वो एक निर्देशक तो थे ही, लेकिन उसके साथ साथ-साथ वह एक लेखक, कलाकार, चित्रकार, फिल्म निर्माता, गीतकार और कॉस्ट्यूम डिजाइनर भी थे. उनकी कला के बारे में बात की जाए उतना कम हैं. उन्होंने (Satyajit Ray)एक से बढ़कर एक फिल्म की है. जिनमें से पाथेर पांचाली, अपराजितो, अपूरसंसार और चारूलता जैसी फिल्में शामिल हैं.
सत्यजीत रे से जुड़ी खास बातें -
आपको बता दें, भारतीय सिनेमा में सत्यजीत रे (Satyajit Ray)का अहम योगदान रहा है. फिल्मों को लेकर उनका ये प्यार इंग्लैंड की एक यात्रा के बाद से आया. हुआ यूं कि अप्रैल 1950 की है, जब रे (Satyajit Ray) अपनी पत्नी के साथ इग्लैंड यात्रा पर गए हुए थे. उस दौरान सत्यजीत रे ने एक विदेशी विज्ञापन कंपनी के लिए काम किया था. काम को बेहतर ढंग से सीखने के लिए से कंपनी ने छह महीने के लिए रे को लंदन हेड ऑफिस भेजा था.
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बता दें कि लंदन में उन्होंने फिल्म बाइसिकल थीव्ज देखी, जिसके बाद वह (Satyajit Ray)फिल्म से इतना प्रभावित हुए कि उनके मन में निर्देशक बनने की इच्छा जाग उठी. लंदन में रहते हुए उन्होंने करीब 100 फिल्में देखी। बस फिर क्या था अपनी इस चाहत को पूरा करते हुए सत्यजीत रे ने अपनी पहली फिल्म पाथेर पांचाली बनाई. उनकी इस फिल्म को कांस फिल्म फेस्टिवल में भी खूब सराहा गया. सत्यजीत रे ने ज्यादतर फिल्में बंगाली में ही बनाई.