गजल के बादशाह कहे जाने वाले जगजीत सिंह (Jagjit Singh) कौन भूल सकता है. उनकी गजल सुनने के बाद कोई बिना तारीफ करे खुद को रोक ही नहीं सकता है. आज उनकी 81वीं जयंती है. उन्होंने अपनी आवाज से सभी का दिल जीत रखा था. उनके गायन को सुनने के बाद किसी दूसरे संगीत को सुनने की इच्छा ही नहीं होती थी. आज भले ही वो हमारे बीच ना हो लेकिन जो उन्होंने विरासत के रूप में अपनी गजल और संगीत दी हुई है वो हर कोई याद करता है. उनके सबसे चर्चित गानों में से एक होठों से छू लो तुम लोग आज भी सुनना पसंद करते हैं. उनका जन्म 8 फरवरी 1941 को राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में हुआ था. इसी दिन ही फिल्म इंडस्ट्री को एक गजल का सम्राट मिला था. जगजीत सिंह (Jagjit Singh)ने 1969 में मशहूर गायिका चित्रा सिंह से लव मैरिज की थी. दोनों एक दूसरे से बेहद प्यार करते थे, लेकिन इनके प्यार की शुरूआत भी एक जोरदार टकराव के बाद हुई थी. और बाद में प्यार हुआ था.
यह भी जानिए - फिल्म पुष्पा में किसी के आगे ना झुकने वाले अल्लू अर्जुन रियल लाइफ में डरते हैं बीवी से
आपको बताते चले कि साल 1980 में जगजीत सिंह (Jagjit Singh) के बेटे विवेक की मौत मात्र 18 साल में एक सड़क दुर्घटना से हो गई थी. किस्मत का कहर तो देखिए उस दिन भी जगजीत साहब गजल गा रहे थे. गजल खत्म हो ही रही थी कि तभी एक्ट्रेस अंजू महेंद्रू ने जगजीत सिंह (Jagjit Singh)से ‘दर्द से मेरा दामन भर दे’गजल सुनाने को कह दिया था. जब जगजीत साहब इस गजल को गा रहे थे तब वो रो पड़े थे. लेकिन उन्हें सदमा तब लगा जब गजल पूरी होते ही उन्हें अपने बेटे के एक्सीडेंट की खबर मिली. जवान बेटे की मौत का सदमा जगजीत और चित्रा को कुछ इस कदर लगा कि जगजीत सिंह ने अगले आठ महीनों तक खामोशी अख्तियार कर ली और चित्रा ने गाने से ही संन्यास ले लिया. सीने में बेटे की मौत का सदमा दबाए बैठे जगजीत सिंह जब वापस गजल गायकी की दुनिया में आए तो उनकी आवाज में पहले से ज्यादा दर्द था. मानों किसी का सबकुछ बिखर गया हो. लेकिन उन्होंने कभी अपने दर्द से संगीत को प्रभावित नहीं होने दिया.