अभिनेत्री ऋचा चड्ढा का कहना है कि यौन अपराधों के खिलाफ आवाज उठाने पर इतने लांछन लगाए जाते हैं कि कभी-कभी सबसे बहादुर महिला के लिए भी इस पर बोलना असंभव हो जाता है. पिछले साल भारतीय दर्शकों ने ऋचा को फिल्म 'लव सोनिया' में देखा था जो मानव तस्करी के विषय से संबंधित है.
तबरेज नूरानी के निर्देशन में बनी यह फिल्म पिछले सप्ताह ब्रिटेन में रिलीज हुई थी. फिल्म के प्रचार के लिए ऋचा सोमवार को विक्टोरिया डर्बीशायर द्वारा आयोजित एक शो का हिस्सा बनीं. उन्होंने यहां कई मुद्दों पर बात की जिसमें यौन उत्पीड़न के खिलाफ मीटू आंदोलन भी शामिल था.
ऋचा ने कहा, "यह दुख की बात है कि जिन महिलाओं ने इस पर सामने आकर अपनी आवाज उठाई, उनमें से कई को जान से मारने और दुष्कर्म की धमकी दी गई है. कुछ महिलाओं से उनकी आजीविका छीन ली गई."
उन्होंने कहा, "मुख्य रूप से मुद्दा इच्छा और सहमति का है. ऐसे कई मामले हैं जहां किसी महिला ने किसी के साथ सोने पर सहमति दी हो सकती है लेकिन यह सहमति मजबूरी की भी हो सकती है. कई बार उस महिला का दुरुपयोग किया जाता है क्योंकि ऐसा करने वाले पुरुष के पास बड़ा पद होता है जिसका इस्तेमाल वह महिला पर दबाव बनाने के लिए करता है."
उन्होंने कहा कि इसीलिए यह बहुत जरूरी है कि हम एक ऐसा सकाराज्मक वातावरण बनाएं जिसमें महिला को अपनी बात कहने में कोई परेशानी न हो.