'हम एक बार ही जीते हैं, एक बार ही मरते हैं और प्यार भी एक बार ही होता है'...आप सोच रहे होंगे कि हम ये फिल्मी डायलॉग क्यों सुना रहे हैं, जो सिर्फ फिल्मों में ही अच्छा लगता है. असल जिंदगी से इसका कोई नाता नहीं. लेकिन आज हम आपको जिस बॉलीवुड एक्ट्रेस के बारे में बताने वाले हैं. उसकी कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है. जहां वो एक बार किसी को अपना दिल दे बैठती है और प्यार में ठुकराए जाने पर वो पूरी जिंदगी अकेली बिता देती है. हम बात कर रहे हैं अपने जमाने की दिग्गज अदाकारा सुलक्षना पंडित (Sulakshna Pandit) की. इस जमाने के लोग शायद इस नाम से बेखबर हो. लेकिन इनकी कहानी लोगों को उनके बारे में जानने के लिए उत्सुक कर देती है.
इससे पहले कि हम आपको सुलक्षना (Sulakshna Pandit) की लव स्टोरी के बारे में बताएं. आपको उनके करियर की एक छोटी-सी झलक दिखा दें. एक्ट्रेस 70-80 के दशक के लगभग सभी स्टार्स के साथ काम किया है. जिनमें जितेंद्र, राजेश खन्ना, शत्रुघ्न सिन्हा, शशि कपूर जैसे दिग्गज कलाकार शामिल हैं. उन्होंने साल 1975 में रिलीज हुई फिल्म 'उलझन' से इंडस्ट्री में कदम रखा. इस फिल्म में एक्ट्रेस के साथ संजीव कुमार लीड रोल में थे. एक्ट्रेस इसी फिल्म के दौरान संजीव (Sanjeev Kumar) को दिल दे बैठी. वो मन ही मन एक्टर को इस कदर पसंद करने लगी कि उन्होंने अपने दिल की बात उन्हें बतानी चाही. लेकिन यहां तो लव ट्राइएंगल था.
दरअसल, संजीव कुमार (Sanjeev Kumar) ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी (Hema Malini) को चाहते थे. यहां तक कि उन्होंने एक्ट्रेस को प्रपोज भी किया था. लेकिन वक्त को तो कुछ और ही मंजूर था. ऐसे में हेमा ने उनका प्रपोजल ठुकरा दिया. जिसके बाद संजीव ने हेमा के लिए उनका प्यार दिल में बसाए हुए ही अपनी जिंदगी काटने का फैसला किया. इस बीच जब सुलक्षना ने संजीव के सामने अपने प्यार का इजहार किया. तब संजीव ने उन्हें साफतौर पर इंकार कर दिया. फिर क्या था उन्होंने भी संजीव के प्यार में किसी और से शादी न करने का फैसला किया.
बता दें कि आज एक्ट्रेस 67 साल की हैं और जिंदगी के इस पड़ाव पर भी अकेली हैं. आपको बताते चलें कि एक्ट्रेस सुलक्षना (Sulakshna Pandit) ने कई बड़ी फिल्मों में काम किया है. जिनमें 'सलाखें', 'कसम खून की', 'खानदान', 'उलझन', 'वक्त की दीवार', 'गरम खून' जैसी फिल्मों का नाम शामिल है.
Source : News Nation Bureau