टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics 2021) में भारतीय महिला खिलाड़ी मीराबाई चानू (Mirabai Chanu) ने कमाल कर दिया. उन्होंने वेटलिफ्टिंग में भारत को पहला पदक दिलाने का गौरव हासिल किया. मीराबाई चानू ने जैसे ही सिल्वर मेडल जीता पूरा देश खुशी से झूम उठा. वेटलिफ्टिंग में भारत के लिए सिल्वर मेडल जीतने वाली मीराबाई चानू पहली खिलाड़ी बन गई हैं. भारत का टोक्यो ओलंपिक में ये पहला पदक और भारत ने पदक का खाता सिल्वर मेडल से खोला है. इससे पहले साल 2000 में भारत की ओर से कर्णम मल्लेश्वरी ने वेटलिफ्टिंग में भारत के लिए कांस्य पदक जीता था. अब उनके जीवन पर एक फिल्म बनाने की तैयारी चल रही है.
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टोक्यो ओलंपिक ( Tokyo Olympic) में भले ही ज्यादातर भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा हो लेकिन मीराबाई चानू ने देश की लाज रखी है. ऐसे में अब देशवासी मीराबाई के जीवन को और भी करीब से जान पाएंगे. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मीराबाई चानू के जीवन पर आधारित एक फिल्म बनने जा रही है. लेकिन खास बात ये है कि ये एक मणिपुरी में बनाई जाएगी. इस संबंध में शनिवार को मीराबाई चानू की तरफ से और इम्फाल की सेउती फिल्म्स प्रॉडक्शन्स के बीच इम्फाल पूर्व जिले के नोंगपोक काकचिंग गांव स्थित उनके आवास पर एक समझौते पर हस्ताक्षर हुए.
फिल्म निर्माण कंपनी के अध्यक्ष मनाओबी एमएम द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई. मनाओबी एमएम ने बताया कि इस फिल्म को अंग्रेजी और विभिन्न भारतीय भाषाओं में भी ‘डब’ किया जाएगा. मनाओबी एमएम ने कहा कि 'हम अब एक ऐसी लड़की की तलाश शुरू करेंगे जो मीराबाई चानू का किरदार अदा कर सकती हो. वह दिखने में भी कुछ-कुछ उनकी जैसी हो. इसके बाद उन्हें चानू की जीवनशैली के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा. शूटिंग शुरू होने में कम से कम छह महीने का समय लगेगा.' उन्होंने कहा है कि 'फिल्म के लिए हमको एक ऐसी लड़की की तलाश है जो मीराबाई चानू के रोल में फिट बैठे, वह मीरा की तरह से दिखे. इस शूटिंग को शुरू होने में अभी वक्त लगेगा. अब देशवासियों को इस फिल्म में दिखाया जाएगा कि कैसे रात-दिन मेहनत करके और परेशानियों को अलग रखकर देश के लिए मीराबाई चानू ने मेडल जीता है.'
मेडल जीतने के बाद मीराबाई ने कहा कि 'मेरे लिए ये सपना सच होने जैसा है. मैं इस पदक को भारतवासियों को समर्पित करना चाहती हूं. ये पदक मैं उन सबको समर्पित करती हूं जिन्होंने मेरी हौसला अफजाई की, जिन्होंने मेरे लिये प्रार्थना की.' उन्होंने कहा कि 'मैं प्रधानमंत्री और खेल मंत्री को शुक्रिया बोलना चाहूंगी. उन्होंने मुझे बहुत कम समय में अभ्यास के लिए अमेरिका भेजा था. सभी तैयारियों को एक दिन में पूरा किया गया था. उनके कारण ही मुझे अच्छा प्रशिक्षण मिला और मैं पदक जीतने में सफल रही.'
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मीराबाई चानू के लिए ओलंपिक में मेडल जीतने का सपना हमेशा से था, लेकिन उनके माता-पिता उन्हें ट्रेनिंग के लिए प्रतिदिन का खतरा नहीं उठा सकते थे. चानू ने अपनी सफलता का श्रेय अपने उन तमाम ट्रक ड्राइवरों को भी दिया, जो उन्हें ट्रेनिंग स्थल तक लिफ्ट देते थे. मीराबाई चानू ने कहा कि 'घर के पास से गुजरने वाले ट्रक ड्राइवर मुझे ट्रेनिंग स्थल तक लिफ्ट देकर मेरी मदद करते थे. ड्राइवर दूर से ही हॉर्न बजाते थे जिससे मुझे उनके आने का पता चल जाता था. वो ट्रक ड्राइवर मुझसे किराया नहीं लेते थे और उसी पैसे से मैं अपनी ट्रेनिंग के दौरान कुछ खाने की सामान खरीदती थी.'
बता दें कि ओलंपिक में भारत का नाम रौशन करने के बाद मीराबाई जब दिल्ली एयरपोर्ट ( Delhi Airport ) पर पहुंचीं तो पूरा माहौल भारत माता की जय के नारों से गूंज गया. एयरपोर्ट पर चानू को गॉर्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया. दिल्ली में केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर और केंद्रीय मंत्री जीके रेड्डी, किरेन रिजिजू, सर्बानंद सोनोवाल और निसिथ प्रमाणिक ने उनको सम्मानित किया. देश का गौरव बढ़ाने के लिए मीराबाई चानू को भारत सरकार और राज्य सरकारों की ओर से सम्मानित किया गया है. रेल मंत्रालय ने उन्हें 2 करोड़ रुपये का नकद इनाम देने की घोषणा की है. मणिपुर सरकार ने उन्हें एडिशनल एसपी नियुक्त किया है. राज्य सरकार उन्हें एक करोड़ रुपये का इनाम भी देगी.
HIGHLIGHTS
- मीराबाई चानू के संघर्ष को पूरा देश देख पाएगा
- कई भाषाओं में बनाई जाएगी चानू की बायोपिक
- मीराबाई चानू ने टोक्यो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीता